सार
उत्तराखंड में अगले साल चुनाव को देखते हुए यहां पर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने यहां पर अपने विभिन्न पदाधिकारियों की घोषणा की थी।
देहरादून. पंजाब में कांग्रेस के आपसी कलह शांत होने के बाद अब उत्तराखंड में भी बगावत के सुर सामने आने लगे हैं। उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है। कांग्रेस आलाकमान ने लंबी मशक्कत के बाद प्रदेश अध्यक्ष और नेता विधायक दल समेत महत्वपूर्ण पदों पर वरिष्ठ नेताओं की ताजपोशी के साथ ही चुनावी तैयारियों के मद्देनजर 10 समितियों की गुरुवार देर रात घोषणा की थी।
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नवप्रभात ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए AICC द्वारा लिया गया निर्णय कांग्रेस के हित में नहीं है, इससे राज्य में कांग्रेस की समस्याओं का हल नहीं होगा, पार्टी को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
क्या लिया था फैसला
गुरुवार रात उत्तराखंड कांग्रेस के लिए जारी की गई लिस्ट में पूर्व मंत्री नवप्रभात को मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ-साथ कोर और समन्वय समितियों का सदस्य भी बनाया गया जिसे स्वीकार करने से उन्होंने मना कर दिया।
उत्तराखंड में अगले साल चुनाव को देखते हुए यहां पर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने यहां पर अपने विभिन्न पदाधिकारियों की घोषणा की थी। कांग्रेस ने अपनी उत्तराखंड इकाई में बड़ा बदलाव करते हुए गुरुवार को गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया। प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। प्रो. जीत राम, भुवन कापड़ी, रंजीत रावत और तिलक राज बेहड़ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।