सार
कभी-कभार ड्राइवर की गलती नहीं भी होती, तब भी हादसा हो जाते हैं। इसलिए गाड़ी हमेशा इतनी स्पीड में चलाए कि उस पर नियंत्रण किया जा सके। यह हादसा यही सबक देता है। इस कार की हालत देखकर हादसे का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसमें ड्राइवर की उतनी बड़ी गलती नहीं थी। हादसा दो बंदरों के अचानक कार पर कूद जाने से हुआ। हादसा शुक्रवार की शाम पदमला गांव के पास हुआ। दूसरा हादसा चंडीगढ़ में हुआ। इसमें भी ड्राइवर की इतनी लापरवाही थी कि वो कार पर नियंत्रण नहीं रख सका और एक बच्चे की जान चली गई।
वडोदरा, गुजरात. दो बंदरों की लड़ाई में एक कार का यह हाल हो गया। यह हादसा शुक्रवार की शाम को हाईवे पर पदमला गांव के पास हुआ। कार अपनी स्पीड से जा रही थी, अचानक दो बंदर लड़ते हुए कार पर कूद पड़े। इससे घबराकर ड्राइवर स्टीयरिंग से अपना संतुलन खो बैठा। कार सड़क किनारे रेलिंग में जा धंसी। रेलिंग का सरिया कार को भेदकर आरपार हो गया। हादसे में दोनों बंदरों की मौत हो गई। वहीं, कार में सवार दो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें छाणी के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है।
साइकिल चलाने का शौक बना जानलेवा
यह हादसा चंडीगढ़ में हुआ। अपने बड़े भाई की चुपके से साइकिल लेकर उसे चलाने निकले छोटे भाई को एक कार ने टक्कर मार दी। बच्चे को फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। घटना के वक्त बच्चे के मां-बाप हॉस्पिटल में थे। सुबह ही बच्चे के नाना का भी एक्सीडेंट हो गया था। जब वे शाम को घर लौटे, तो हादसे की खबर मिली। तनवीर का एक बड़ा भाई है प्रेम। बड़ा भाई सेक्टर-42 स्थित एक सरकारी स्कूल में 5वीं क्लास में पढ़ता है। बताते हैं कि सुबह तनवीर के नाना को किसी कार ने टक्कर मार दी थी। उसके मां-बाप उन्हें ही देखने हॉस्पिटल गए थे। शाम को जब वे वापस लौटे, तब मालूम चला कि तनवीर का भी एक्सीडेंट हो गया है और वो पीजीआई हॉस्पिटल में भर्ती है। डॉक्टरों ने बच्चे की मौत का कारण सिर में चोट माना है।
बड़े भाई गेट बंद करने गया, इतने में छोटा भाई साइकिल ले भागा...
प्रेम ने बताया कि वो साइकिल चलाने निकला था। तभी उसे याद आया कि घर की कुंडी बंद नहीं है। वो साइकिल छोड़कर कुंडी बंद करने चला गया। इतने में तनवीर चुपके से साइकिल लेकर उसे चलाने लगा। प्रेम ने माना कि मम्मी-पापा मना करके गए थे कि अकेले साइकिल चलाने मत निकलना। बच्चे का कोरोना टेस्ट भी कराया गया है।