सार
नए साल पर माता वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़(Vaishno Devi Stampede) को लेकर सुरक्षा और व्यवस्था इंतजामों की कई खामियां सामने आ रही हैं। घटना के चश्मदीद गवाह(eyewitness) ने बताया कि इस दौरान पुलिस और सीआरपीएफ के जवान लोगों को बचाने की बजाय उनपर डंडा बरसा रहे थे।
जम्मू. नए साल शुरू होते ही कुछ घंटों बाद ही शनिवार देर रात माता वैष्णो देवी मंदिर में दुखद हादसा हो गया। जहां देखते ही देखते इस तरह भगदड़ मची कि 12 लोगों की मौत हो गई। इन 12 लोगों में सात यात्री उत्तर प्रदेश के और तीन दिल्ली के रहने वाले हैं। जबकि बचे हुए दो यात्री जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के रहने वाले हैं। इन सभी यात्रियों की पहचान भी कर ली गई है। इस हादसे में कई लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। घटना में घायल हुए सोलह लोगों को काकरियाल के श्री माता वैष्णो देवी नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने कहा कि छह को प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया है।
कैसे हुई घटना?
माता रानी के दरबार में भक्त देवी मां के जयकारे लगा रहे थे, तभी अचानक चीख पुकार की आवाजें गूंजने लगीं। यह सीन इतना भयानक था कि मंदिर परिसर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु एक दूसरे को रौंदते हुए दौड़ रहे थे। इसी बीच हादसे के चश्मदीद हरियाणा के हिमांशु अग्रवाल ने यह मंजर अपनी आंखों से देखा है। उन्होंने हादसे की कहानी बयां करते हुए बताया कि इस दौरान पुलिस और सीआरपीएफ के जवान लोगों को बचाने की बजाय उनपर डंडा बरसा रहे थे।
चश्मदीद ने बताया-कितना डरावना ये मंजर
दरअसल, जिस वक्त शनिवार रात 2.45 बजे यह भगदड़ मची उस दौरान पानीपत के रहने वाले हिमांशु अग्रवाल वहीं पर मौजूद थे। वो नस साल के मौके पर अपने दोस्त राघव, हिमांशु शर्मा, जतिन और भारत के साथ दो दिन पहले वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए थे। उन्होंने बताया कि ये बहुत ही डरावना मंजर था, इसे देखकर वह भी डर गए थे।
आने-जाने का रास्ता हो चुका था जाम
हादसे को सबसे करीद से देखने वाले हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि वह देवी मां के दर्शन करके लौट रहे थे। इस दौरान रात करीब ढाई से पौने तीन का वक्त रहा होगा। अचानक दर्शन करके जाने वाले और दर्शन के जाने वालों लोगों की भीड़ गेट नंबर 3 के पास जमा हो गई। आलम यह था कि यहां से न ही आने का रास्ता बचा और न ही जाने का रास्ता बचा था। लोग बाहर निकलने की कोशिश करते रहे। कुछ निकले तो कुछ वहीं पर गिर गए।
पुलिस बचाने की बजाए डंडे मार रहे थे...
हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि हादसे के दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने शर्मनाक रवैया अपनाया। मैं भीड़ के बीच फंसा था, तभी मैंने देखा- सुरक्षाबल लोगों को बचाने की बजाय उनको डंडे मार रहे थे। पुलिस ने जैसे ही डंडे मारना शुरु किए तो लोगों ने भागना शुरू कर दिया। वह वे डराते धमकाते हुए बोल रहे थे कि किसी VIP को आना है, उन्हें दर्शन करवाने हैं, रास्ता जल्दी खाली करो। जबकि जवानों को पता था कि यहां एक पग रखने की जगह भी नहीं थी, फिर भी वो लोगों को हटाने लगे। पुलिस से पिटने के डर से बचने के लिए लोग वहां से तेजी से आगे-पीछे होने लगे। में अपने दोस्तों के साथ उसी लाइन में था। फिर देखते ही देखते भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए भागने लगे।
चश्मदीद ने ऐसे बचाई अपनी जान
युवक ने बताया कि 15 मिनट तक वहां भगदड़ का माहौल रहा। मैंने देखा मेरे आगे ही एक व्यक्ति नीचे गिर गया, जिसे उठाने का प्रयास करने वाले दूसरे व्यक्ति को पीछे से धक्का लगा और वह भी नीचे गिर गया। इसके बाद मौके पर CRPF की और टीमें पहुंचीं और लोगों को बाहर निकाला गया। इस दौरान में अपने साथियों के साथ वहां से जैसे तैसे निकला और गेट नंबर तीन की ओर जाने वाले रास्ते पर एक खंभा पकड़कर लटक गया, तब जाकर इस भगदड़ से बच पाया।
मरने वाले इन राज्यों के रहने वाले
बत दें कि माता वैष्णो देवी भवन में मरने वाले लोगों की पहचान कर ली गई है। मृतकों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के सभी की पहचान हो गई है। वहीं हादसे के कारणों की जांच के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने आदेश दिए हैं।
हादसे में 12 लोगों की मौत
हादसे में जिन 12 लोगों की मौत हुई है, उनके नाम-1- श्वेता सिंह, उम्र-35 गाजियाबाद, 2-डॉ अरुण प्रताप सिंह गोरखपुर, 3-विनीत कुमार, उम्र- 33 सहारनपुर, 4-धरमवीर सिंह, उम्र-35 सहारनपुर, 5-विनय कुमार, उम्र- 24 दिल्ली, 6-सोनू पांडेय, उम्र-24, दिल्ली ,7-ममता, उम्र- 38 झज्जर, 8-धीरज कुमार, उम्र- 26, जम्मू- कश्मीर, 9-मोनू शर्मा, उम्र-32 यूपी, 10-मोहिंदर गौर उम्र-26 यूपी, 11- नरिंदर कश्यप उम्र-40 यूपी, 12-आकाश कुमार उम्र-29 दिल्ली।
इन लोगों का अस्पताल में चल रहा इलाज
यूपी के रत्नेश पांडे (25) और आशीष कुमार जायसवाल (25), राजस्थान के प्रशांत हाडा (30), नितिन गर्ग (30), जम्मू के अध्या महाजन (16) और साहिल कुमार (22), शिवानी (25), दिल्ली की सरिता (42), मध्य प्रदेश के भवर लाल पाटीदार (47) और पंजाब के सुमित (29) का अस्पताल में इलाज चल रहा है। जबकि मुंबई और दिल्ली के दो-दो और जम्मू और हरियाणा के एक-एक व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।
यह भी पढ़ें
वैष्णो देवी मंदिर हादसा: चश्मदीद ने बताया क्यों मची भगदड़, कैसे माता के दरबार में छाया मातम..देखिए तस्वीरें
दो-तीन युवकों के बीच झड़प से माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़, 13 लोगों की मौत, 20 घायल
Vaishno Devi Stampede: चढ़ने को लेकर पहले बहस, फिर धक्का-मुक्की और मच गई भगदड़, जान बचाने पिलर पर चढ़ गए लोग