सार

इस शख्स पर 18 साल पहले रिश्वत देकर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने का आरोप लगा था। अब जाकर दुबारा मिली नौकरी।

चंडीगढ़. यह हैं बीएससी ऑनर्स और पंजाब यूनिवसिर्टी से एमएससी मैथ में गोल्ड मेडलिस्ट अमृतपाल सिंह। लुधियाना के रहने वाले अमृतपाल पढ़ने में होशियार रहे हैं। वे हमेशा गोल्ड मेडल पाते रहे। लेकिन जब नौकरी मिली, तो रिश्वत देकर नौकरी हासिल करने का इल्जाम लग गया। लिहाज उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। यह कलंक अमृतपाल सिंह को बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने अपना सम्मान और नौकरी दुबारा हासिल करने कोर्ट में केस दायर किया। आखिरकार 18 साल बाद उन्हें दुबारा नौकरी और सम्मान हासिल हो सका।


यह है पूरा मामला...
बात 2002 की है। पंजाब लोक सेवा आयोग के तत्कालीन चेयरमैन रवि सिद्धू को रिश्वत कांड में पकड़ा गया था। लिहाजा हाईकोर्ट ने सभी भर्तियां रद्द करके नौकरी पर रखे गए लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इल्जाम था कि कैंडिडेट्स ने रिश्वत देकर नौकरी हासिल की थी। इसकी चपेट में अमृतपाल सिंह भी आए। वे कॉलेज में लेक्चरर की पोस्ट पर सिलेक्ट हुए थे। उन्हें मेडिकल के बाद नियुक्ति पत्र मिलना बाकी था। अमृतपाल बताते हैं कि 2003 में इस बाबत अखबारों में विज्ञापन निकाला गया था कि हाईकोर्ट ने सभी नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। इसमें उनके सहित 69 और भी लोग शामिल थे। जब उन्होंने कोर्ट में इसके लिए याचिका दायर की, तब मालूम चला कि हाईकोर्ट ने स्टे नहीं दिया था, बल्कि यह स्टे सरकार ने लिया था।  अब सभी को नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे हैं। सभी की फाइल क्लियर कर दी गई हैं।