सार
उत्तराखंड में सोमवार सुबह बादल कयामत बनकर फट पड़े। तीन अलग-अलग गांवों में बादल फटने से मकान ताश के पत्तों के किसी महल की तरह ढह गए। एक घटना का वीडियो सामने आया है। इसमें एक मकान को पानी के साथ भर-भराकर गिरते दिखाई दे रहा है।
देहरादून. उत्तराखंड में सोमवार सुबह बादल कहर बनकर फट पड़े। चमोली जिले में तीन अलग-अलग लैंड स्लाइडिंग(भूस्खलन) में एक मां और मासूम बेटी सहित 6 लोगों की मौत हो गई। राज्य के इमरजेंसी आपॅरेशंस सेंटर के मुताबिक, भूस्खलन का मलबा घाट क्षेत्र के बांजबगड़, अलीगांव और लांखी गांवों में तीन मकानों पर गिर गया। हादसे में घरों में मौजूद लोग बाहर नहीं निकल सके। मरने वाले 6 लोगों में 5 महिलाएं और एक बच्ची है। इसके साथ ही इन मकानों में मौजूद 40 बकरियां और दो बैल भी मारे गए। चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि नंदाकिनी नदी की सहायक नदी चुफलागाड़ में भारी बारिश के चलते बाढ़ आई हुई है। इससे बाढ़ का पानी मकानों और दुकानों में घुस गया है। खतरे वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
सोमवार तड़के 5 फटे बादल..
घाट ब्लॅाक के बांजबगड़ गांव में सोमवार तड़के 5 बजे बादल फट गया। भारी बारिश के चलते गांव के अब्बल सिंह का मकान मलबे में दब गया। हादसे में घर के अंदर सो रही अब्बल सिंह की पत्नी रूपा देवी (35 वर्ष) व बेटी चंदा (9 माह) जिंदा दफन हो गए। दूसरी आली गांव में हुई। यहां यहां मकान ढहने से नौरती (21) की दबने से मौत हो गई। एक घटना लांखी गांव में हुई। यहां सुबह 8.45 बजे बादल फटा। यहां बादल फटने से अजय (23 वर्ष) पुत्र सुरेंद्र लाल, अंजली (8 वर्ष) पुत्री शंकर लाल और आरती (7 वर्ष) पुत्री शंकर लाल की मौत हो गई। मौसम अभी खराब रहने का अलर्ट जारी किया गया है।
बदरीनाथ हाईवे हुआ खतरनाक
चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर लगातार खतरा बना हुआ है। भूस्खलन के चलते ट्रैफिक रोक दिया गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक मौसम खतरनाक रहने का अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के चलते प्रदेश के करीब 100 संपर्क मार्ग बंद पड़े हुए हैं। ज्यादातर नदियां खतरे के निशान के करीब-करीब बह रही हैं।