सार
कोरोना वायरस ने सारी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। अभी तक इसकी कोई वैक्सीन या दवा सामने नहीं आई है। हालांकि क्लिनिकल ट्रायल अंतिम दौर में है। कोरोना से खुद को सुरक्षित रहने लोग तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। इसी दिशा में जालंधर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(NIT) ने एक ऐसा पोछा यानी इलेक्ट्रिक उपकरण तैयार किया है, जो फर्श से कोरोना वायरस और सभी तरह के बैक्टीरिया को मार देगा। जानिए इसकी खासियत...
जालंधर, पंजाब. कई दशकों से अल्ट्रा वायलेट (UV) रोशनी का इस्तेमाल कीटाणु मारने में हो रहा है। मेडिकल क्षेत्र में इसका काफी प्रयोग होता है। इस समय कोरोना वायरस ने सारी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। अभी तक इसकी कोई वैक्सीन या दवा सामने नहीं आई है। हालांकि क्लिनिकल ट्रायल अंतिम दौर में है। कोरोना से खुद को सुरक्षित रहने लोग तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। इसी दिशा में जालंधर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(NIT) ने एक ऐसा पोछा यानी इलेक्ट्रिक उपकरण तैयार किया है, जो फर्श से कोरोना वायरस और सभी तरह के बैक्टीरिया को मार देगा। जानिए इसकी खासियत...
सरफेस यूवीसी नाम से हो रहा लांच
इस उपकरण की खूबियों को देखते हुए वडोदरा की यूकोमैक्स नाम कंपनी ने NIT से हाथ मिलाया है। कंपनी इस डिवाइस को सरफेस यूवीसी के नाम से लांच करने जा रही है। हालांकि फर्श की सफाई के लिए दुनियाभर में पहले से ही कई उपकरण मौजूद हैं, लेकिन ये कोरोना वायरस पर असरकारक नहीं है। इस नये उपकरण से अल्ट्रावायलेट किरणें निकलती हैं, जो कोरोना वायरस को मार देती हैं। कहा जा रहा है कि फर्श पर 100 प्रतिशत रिजल्ट देता है। NIT के डायरेक्टर डॉ. ललित कुमार अवस्थी व रैंचो के नाम से प्रसिद्ध प्रोफेसर डॉ. कुलदीप सिंह नागला ने इसे तैयार किया है। वे दावा करते हैं कि फर्श पर कोरोना मारने में यह उपकरण सबसे सटीक उपकरण साबित होगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस उपकरण की कीमत 9500 से 15,000 रुपये रखी गई है। इस उपकरण का इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकता है। इससे निकलने वालीं अल्ट्रावायलेट किरणों मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं होती हैं। उपकरण में बैटरी और इलेक्ट्रिक दोनों ऑप्शन रखे गए हैं।