सार

BSF अधिकार क्षेत्र के आदेश पर डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा (Deputy CM Sukhjinder Singh Randhawa) ने बॉर्डर इलाके का मुआयना किया और केंद्र सरकार (Modi Government) पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अगर बीएसएफ (BSF) गांवों में प्रवेश करती है, तलाशी लेती है, केस दर्ज करती है या स्टेशन स्थापित करती है तो यह देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने का प्रयास होगा।
 

चंडीगढ़। केंद्र के बीएसएफ (BSF) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। शनिवार को पंजाब (Punjab) के उपमुख्यमंत्री/गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (Deputy CM Sukhjinder Singh Randhawa) ने शनिवार रात पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा के पास अमृतसर (Amritsar) जिले के अजनाला इलाके का दौरा किया और केंद्र सरकार पर हमला बोला। रंधावा ने कहा कि पंजाब में एक अनदेखी आपातकाल जैसी स्थिति पैदा की जा रही है।

रंधावा का कहना था कि बीएसएफ को सीमा पर ही रखा जाना चाहिए और बाकी इलाकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब पुलिस पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा- लोगों को डर है कि बीएसएफ के जवान बेतरतीब ढंग से उनके घरों में घुस जाएंगे, गांवों की घेराबंदी करेंगे और तलाशी लेंगे। अगर बीएसएफ गांवों में प्रवेश करती है, तलाशी लेती है, केस दर्ज करती है या स्टेशन स्थापित करती है तो यह देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने का प्रयास होगा।

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सीमा पार से आने वाले ड्रग्स और हथियारों पर ध्यान दे केंद्र सरकार
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि राज्य पंजाब पुलिस के हाथों में सुरक्षित है। केंद्र को इसके बजाय सीमा पार से आने वाले ड्रग्स, हथियारों और ड्रोन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण पंजाबियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।

रंधावा बाेले- अमरिंदर समर्थन से पहले साठगांठ वाले बयान पर जवाब दें
रंधावा ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा और पंजाब में BSF के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र के फैसले का समर्थन करने पर आलोचना की। उन्होंने कहा- "2016 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि BSF और पाक रेंजर्स के बीच सांठगांठ है और इसे तोड़ा जाना चाहिए। उन्हें पहले इसका जवाब देना चाहिए।’

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BSF अब 50 किमी के दायरे में कार्रवाई कर सकती है
दरअसल, अभी तक बीएसएफ को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में सिर्फ 15 किलोमीटर तक कार्रवाई करने का अधिकार था। लेकिन, अब अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का सीमा सुरक्षा बल (BSF) को अधिकार देने का कदम उठाया गया है। इसके लिए केंद्र या राज्य सरकारों से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

चन्नी ने फैसला वापस लेने की मांग की थी
कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस कदम के पीछे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ट्वीट किया था- ‘मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ 50 किमी के क्षेत्र में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस असंगत निर्णय को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं।’

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कैप्टन ने फैसले का स्वागत किया था
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसके समर्थन में कहा था- ‘BSF की बढ़ी हुई उपस्थिति और शक्तियां ही हमें मजबूत बनाएंगी। आइए केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में ना घसीटें।’ 

सुरजेवाला ने कहा था- जब सीएम थे कैप्टन, तब क्यों अलग सुर थे...
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अमरिंदर से पूछा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने BSF के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने की मांग क्यों नहीं की। इस पर अमरिंदर ने जवाब दिया- “कितना हास्यास्पद है! आपका मतलब है कि मैं अब न केवल पंजाब में बल्कि गुजरात, पश्चिम बंगाल, असम आदि में भी एचएमओ के फैसलों को तय कर रहा हूं? उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो अपने ही राज्य में चुनाव नहीं जीत सका, उसे राष्ट्रीय मुद्दों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।”