सार
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने जुलाई 2019 में लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह इस्तीफा राहुल गांधी को सौंपा था। जिसकी जानकारी उन्होने खुद ट्वीट के माध्यम से दी थी। वहीं कैप्टन सरकार पर विभाग सही से न संभाल पाने का आरोप लगाया था।
अमृतसर (पंजाब). पंजाब में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने 17 मार्च को चाय पर बुलाया। काफी समय बाद प्रदेश के दोनों नेताओं ने आपसी मतभेद भुलाकर मुलाकत की। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच करीब 50 मिनट तक बातचीत हुई।
सिद्धू कैबिनेट में एंट्री की लगभग तय
दरअसल, साल 2022 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को एक बार फिर से राज्य की राजनीति में सक्रिय करने में लगे हैं। क्योंक चुनाव को मजह एक साल ही बचा है, इसलिए सिद्धू को मनाने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच मतभेद खत्म कराने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि उनकी कैबिनेट में एंट्री की लगभग तय हो गई है।
सिद्धू ने अलग अंदाज में किया ट्वीट
नवजोत सिद्धू ने सीएम से मीटिंग करने के बाद एक ट्वीट किया जिसके जरिए उन्होंने कहा कि ''आज़ाद रहो विचारों से लेकिन बंधे रहो संस्कारों से ... तांकी आस और विश्वास रहे किरदारों पे .!! वहीं कैप्टन से मिलने के एक दिन पहले सिद्धू ने कुछ और ही लिखा था। ''अच्छा इंसान मतलबी नहीं होता , बस दूर हो जाता है उन लोगों से जिन्हें उसकी कदर नहीं होती''।
तीन साल दोनों हो गए थे अलग-अलग
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने जुलाई 2019 में लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह इस्तीफा राहुल गांधी को सौंपा था। जिसकी जानकारी उन्होने खुद ट्वीट के माध्यम से दी थी। वहीं कैप्टन सरकार पर विभाग सही से न संभाल पाने का आरोप लगाया था। इसी बात से नाराज होकर वह राज्य की कांग्रेस की सभी गतिविधियों से दूर हो गए थे। तब से सिद्धू और सीएम अमरिंदर के बीच दूरियां पैदा हो गई थीं।