सार

भगवंत मान 2011 में राजनीति में आए थे। तब उन्होंने मनप्रीत बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी ज्वॉइन की थी। 2012 में भगवंत मान ने पंजाब की लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव में भगवंत मान को आम आदमी पार्टी ने जलालाबाद से टिकट दिया। भगवंत मान सुखबीर सिंह बादल के सामने 18,500 वोट से चुनाव हार गए।

चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) में आम आदमी पार्टी (AAP) ने दो बार के सांसद भगवंत मान (Bhagwant Mann) को अपना सीएम चेहरा बनाया है। लेकिन भगवंत मान ने जब-जब विधानसभा चुनाव में दांव लगाया, उन्हें हर बार पटखनी ही मिली। अब वह तीन बार विधानसभा चुनाव हारने का रिकॉर्ड नहीं बनाना चाहते। यही वजह है वह विधानसभा की ऐसी सीट से मैदान में उतरना चाहते हैं जो सुरक्षित हो। 

कब-कब चुनाव में उतरे
भगवंत मान 2011 में राजनीति में आए थे। तब उन्होंने मनप्रीत बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी ज्वॉइन की थी। 2012 में भगवंत मान ने पंजाब की लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव में भगवंत मान को आम आदमी पार्टी ने जलालाबाद से टिकट दिया। भगवंत मान सुखबीर सिंह बादल के सामने 18,500 वोट से चुनाव हार गए। हालांकि भगवंत मान दो बार संगरूर से लोकसभा सासंद बन चुके हैं। 2014 में पहली बार भगवंत मान जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचे थे। 2019 में फिर से भगवंत मान संगरूर से दोबारा जीत दर्ज करने में कामयाब रहे।

धुरी संगरूर सेफ सीट
भगवंत मान अब तीसरी बार विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। इस बार वह विधानसभा चुनाव में हार के सिलसिले को हर हालत में तोड़ना चाहेंगे। इसलिए वह धुरी विधानसभा चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। धुरी संगरूर लोकसभा का विधानसभा क्षेत्र है। यहां भगवंत मान की अच्छी खासी पैठ है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भगवंत मान धुरी से 24 हजार 72 वोट की लीड ली थी। इस दृष्टि से देखा जाए तो धुरी उनके लिए सुरक्षित सीट साबित हो सकती है। यहां के मतदाता भी उन्हें पसंद करते हैं। मान का मानना है कि यह सीट उनके लिए सुरक्षित रह सकती है। 

हर हाल में चाहते हैं जीत
भगवंत मान इसलिए भी जीत सुनिश्चित करना चाह रहे हैं, क्योंकि आम आदमी पार्टी का सीएम चेहरा बनने के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा है। इस बार भी क्योंकि आप के पास मान से मजबूत ऐसा चेहरा नहीं है, जिसे सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए। इस वजह से मान को आगे किया गया है। बड़ी वजह यह है कि मान आप के दिल्ली दखल को कंट्रोल करने की क्षमता रखते हैं। कई मौकों पर उन्होंने अपनी इस क्षमता को दिखाया भी है। इसलिए भी वह चाहेंगे कि जीत हासिल कर पार्टी के भीतर अपने कद को बरकरार रख सके। इस पूरे परिदृश्य में धुरी सीट उनके लिए काफी मुफीद बैठती है। इसलिए वह धुरी से चुनाव लड़ने को बाकी अन्य जगह से ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।

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