सार
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, भारतीय जनता पार्टी और बसपा ने इलेक्शन कमीशन को चिट्ठी लिखकर चुनाव पोस्टपोन करने की मांग की है। उनका कहना है कि 14 फरवरी को संत रविदास जयंती है। पंजाब के लाखों श्रद्धालु पूजा करने के लिए वाराणसी (Varanasi) जाएंगे। ऐसी में वह वोट नहीं डाल सकेंगे
चंडीगढ़ : पंजाब चुनाव (Punjab Election 2022) को टालने की मांग को लेकर चुनाव आयोग आज अहम बैठक करने जा रहा है। राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों ने 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और बसपा (BSP) ने इलेक्शन कमीशन को चिट्ठी लिखकर चुनाव पोस्टपोन करने की मांग की है। उनका कहना है कि 14 फरवरी को संत रविदास जयंती है। पंजाब के लाखों श्रद्धालु पूजा करने के लिए वाराणसी (Varanasi) जाएंगे। ऐसी में वह वोट नहीं डाल सकेंगे। इसलिए चुनाव की किसी और तारीख पर विचार करे। राजनीतिक दलों की इसी मांग पर आज चुनाव आयोग विचार करेगा।
चुनाव टालने की मांग
बता दें कि रविवार को कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने भी चुनाव को पोस्टपोन (स्थगित) किए जाने की मांग की। भाजपा के प्रदेश महासचिव सुभाष शर्मा ने ECI को लिखे पत्र में कहा कि पंजाब में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव की वोटिंग होना निर्धारित है। जबकि श्री रविदासजी का गुरुपर्व 16 फरवरी को पड़ता है। पंजाब में अनुसूचित जाति समुदाय समेत गुरु रविदासजी के अनुयायियों की बड़ी संख्या में आबादी है। ये पंजाब की आबादी का लगभग 32% है। इस पवित्र अवसर पर उनके लाखों भक्त गुरुपर्व मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस जाएंगे, इसलिए उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं हो पाएगा। आपसे अनुरोध है कि मतदान की तिथि को स्थगित किया जाए, ताकि पंजाब के ये मतदाता चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें। मुझे विश्वास है कि आप हमारी मांग पर विचार करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
चन्नी ने भी कहा- 6 दिन तक स्थगित किए जाएं चुनाव
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने निर्वाचन आयोग से 6 दिन के लिए विधानसभा चुनाव टालने का आग्रह किया था। पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है और 10 मार्च को मतों की गिनती होगी। चन्नी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा को लिखे पत्र में कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों द्वारा उनके यह संज्ञान में लाया गया है कि गुरु रविदास जयंती 16 फरवरी को पड़ रही है। इस अवसर पर राज्य से बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के श्रद्धालुओं (करीब 20 लाख) के 10 से 16 फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश के बनारस जाने की संभावना है। ऐसी स्थिति में इस समुदाय के कई लोग राज्य विधानसभा के लिए वोट नहीं डाल पाएंगे, जबकि यह उनका संवैधानिक अधिकार है।
बसपा ने भी लिखी चिट्ठी
उन्होंने अनुरोध किया है कि मतदान की तारीख को इस तरह से बढ़ाया जा सकता है कि वे 10 फरवरी से 16 फरवरी तक बनारस जा सकें और विधानसभा चुनाव में भी भाग ले सकें। चन्नी ने कहा- यह उचित होगा कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान 6 दिन के लिए स्थगित कर दिया जाए। इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पंजाब प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी ने आयोग से मतदान की तिथि 14 फरवरी से बढ़ाकर 20 फरवरी करने की मांग की थी।
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