सार

बीजेपी की सदस्यता लेते ही गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कांग्रेस पर निशाना साझा और पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, मैंने पंजाब की भलाई के लिए यह फैसला लिया है। पीएम मोदी और बीजेपी पंजाब को बचा सकते हैं। कांग्रेस ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक शांति व्यवस्था को दांव पर लगा दिया है।

चंडीगढ़ : पंजाब में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) से पहले सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। पूर्व मंत्री और गुरुहरसहाए के कांग्रेस विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी (Rana Gurmit Singh Sodhi) ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वे भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि वे पार्टी में चल रही कलह से परेशान हैं।

पंजाब को मोदी ही बचा सकते हैं - सोढ़ी
बीजेपी की सदस्यता लेते ही गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कांग्रेस पर निशाना साझा और पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, मैंने पंजाब की भलाई के लिए यह फैसला लिया है। पीएम मोदी और बीजेपी पंजाब को बचा सकते हैं। कांग्रेस ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक शांति व्यवस्था को दांव पर लगा दिया है। कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि अब पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। कांग्रेस में यह आपसी लड़ाई पंजाब के लिए खतरनाक हालात पैदा कर रही है।

कौन हैं गुमरीत सिंह सोढ़ी
67 साल के गुरमीत सिंह 1973 से राजनीति में एक्टिव हैं। उनकी गिनती पंजाब के दिग्गज नेताओं में किया जाता है। गुरमीत सिंह लगातार चार बार लगातार चार बार विधायक रहे हैं। । साल 2002 में गुरमीत सिंह पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद गुरमीत सिंह सोढी 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। 2018 में कांग्रेस पार्टी की ओर से गुरमीत सिंह को चीफ व्हिप भी बनाया गया था। राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी भारतीय यूथ कांग्रेस का हिस्सा भी रह चुके हैं। इंडियन यूथ कांग्रेस का मेंबर रहते हुए राणा गुरमीत सिंह ने स्पोर्ट्स और एजुकेशन के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) की सरकार में वे खेलमंत्री थे। 

मंत्री पद से हटाए जाने से थे नाराज
गुरमीत सिंह सोढ़ी के कांग्रेस छोड़ने को लेकर यह भी कहा जाता है कि पंजाब कैबिनेट से हटाए जाने के बाद से सोढ़ी नाराज चल रहे थे। दरअसल जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था तब उसके बाद राज्य में चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) की सरकार बनी थी। चन्नी ने अपनी नई कैबिनेट भी बनाई थी। सोढ़ी कैप्टन सरकार में खेल मंत्री थे, लेकिन चन्नी ने अपनी नई कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं दी। 

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