सार

कृषि कानूनों के विरोध (farm Law against) में किसानों (Farmer) ने पंजाब (Punjab) में रेलवे ट्रैक जाम (Railway Track Jam) किया था। RPF ने किसानों पर 30 केस दर्ज किए थे। इधर, मोदी सरकार (Modi Government) किसानों की नाराजगी दूर करने की भरसक कोशिश कर रही है। 

जालंधर। पंजाब (Punjab) की कांग्रेस सरकार (Congress Government) में सियासी उठापटक के बीच चन्नी सरकार (Charanjit singh channi) पूरी तरह अलर्ट मोड में देखी जा रही है। दिल्ली से लौटकर आए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बड़ा फैसला लिया। राज्य सरकार किसानों (Farmer) पर रेलवे ट्रैक जाम (Railway Track Jam) करने को लेकर दर्ज हुए केस रद्द कराएगी। इसके लिए सीएम की तरफ से रेलवे बोर्ड के चेयरमैन (Railway Board) को पत्र लिखा गया है। वहीं, रविवार से पंजाब के साथ हरियाणा में भी धान की खरीद (buy paddy) शुरू हो जाएगी।

दरअसल, कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने साल 2020-21 में रेलवे ट्रैक जाम किया था। मामले में RPF ने किसानों पर 30 केस दर्ज किए थे। इधर, सरकार की तरफ से किसानों की सहानुभूति बटोरने की भरसक कोशिश की जा रही है। माना जा रहा है कि सरकार का ये फैसला किसानों का समर्थन जुटाने के लिए है। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह भी लगातार किसानों के समर्थन में बयानबाजी करते रहे। अब भी कहा जा रहा है कि कैप्टन किसान आंदोलन को खत्म करवाकर नया सियासी दांव खेलेंगे। ऐसे में चन्नी सरकार कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती।

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सरकार केस रद्द करवाकर ही चैन की सांस ले: किसान संगठन
इससे पहले किसान संगठनों ने डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा के साथ बैठक की थी। उसमें भी किसानों पर दर्ज कराए गए केसों का मामला उठाया गया था। फिलहाल, किसान नेताओं ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। ये भी कहा है कि सरकार को लगातार प्रयास करना चाहिए और केस रद्द करवाकर ही राहत देना चाहिए। वरना पहले की तरह सिर्फ पत्र लिखने और घोषणा तक ही किसान सीमित न रहें।

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कल से पंजाब और हरियाणा में धान खरीदी होगी: खट्टर

इधर, केंद्र सरकार ने 3 अक्टूबर से हरियाणा और पंजाब में धान खरीद शुरू करने का फैसला लिया है। शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री अश्वनी चौबे से मुलाकात की। इसके बाद जानकारी दी। सीएम का कहना था कि पहले 11 अक्टूबर से धान खरीदी जानी थी। मगर, हरियाणा की मंडियों में धान आ चुका है और किसान जल्द खरीद की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार ने किसानों के आग्रह को स्वीकार कर लिया है।