सार
इलाज के नाम पर मिशनरियों द्वारा लगाई जा रही चंगाई सभाओं के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) उतर आया है। उसने पंजाब (Punjab) के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit singh channi) को चेतावनी दी है कि फरेब का धंधा बंद कराएं।
नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने पंजाब (Punjab) के मोगा (Moga) में हुई चंगाई सभा में जनविरोध के चलते मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों के नहीं पहुंचने देने पर स्थानीय हिंदू-सिख समुदाय का अभिनंदन किया।
विहिप ने मिशनरियों व धर्मांतरण का अड्डा बन रही चंगाई सभाओं के सहयोगियों को चेताया है कि वे भोले-भाले हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ से बाज आएं।
विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि चंगाई सभा ईसाई मिशनरियों द्वारा धोखा देकर धर्मांतरण करने का एक अनैतिक, अवैधानिक और अधार्मिक षडयंत्र है। इसके बावजूद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Cm Charanjit s channi) ने मोगा में चंगाई सभा के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जाना स्वीकार किया। ऐसा करके उन्होंने अपने पद की मर्यादा को धूमिल किया। हालांकि, समाज के विरोध के कारण मोगा में रहते हुए भी चन्नी इस कार्यक्रम में नहीं आए। स्थानीय विधायक भी इसमें शामिल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि पंजाब में चंगाई सभा का धोखा और अवैध धर्मांतरण का षड्यंत्र यहां का समाज नहीं चलने देगा।
वास्तव में कोई शक्ति है तो कोरोना से हुई मौतों को क्यों नहीं रोक लिया
चंगाई सभा भारतीय दंड संहिता की धारा 420 व ड्रग तथा मैजिक रेमेडी कानून 1954 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। यदि वे कुछ शब्दों के उच्चारण से किसी को ठीक कर सकते हैं तो दुनिया के करोड़ों मरीजों को ठीक क्यों नहीं करते? कोरोना महामारी से तो करोड़ों लोगों की मृत्यु हो गई, जिनमें कई पादरी भी शामिल थे। यदि इनके पास वास्तव में कोई शक्ति है तो इन सब को क्यों नहीं बचा लिया गया? यह केवल धोखाधड़ी भरा कृत्य है, जिसमें भोले - भाले लोगों को फंसाकर धर्मांतरण किया जाता है। दुर्भाग्य से चन्नी जैसे कुछ लोग इस घिनौने षड्यंत्र के भागीदार बन रहे हैं।
आतंकवाद, लव जिहाज धर्मांतरण से ही पैदा हुए
डॉ. जैन ने कहा कि अवैध धर्मांतरण के दुष्परिणामों के बारे में भारत से ज्यादा कौन समझता है। भारत का विभाजन, कश्मीर की समस्या, जेहादी आतंकवाद, पूर्वोत्तर का आतंकवाद व लव जिहाद जैसी समस्याएं धर्मांतरण के कारण ही हुई हैं। इसलिए विहिप केंद्र व राज्य सरकारों से अपील करती है कि वे अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए अविलंब कानून बनाए, जिससे भारत को धर्मांतरण के अभिशाप से मुक्त कराया जा सके। अभी देश के 11 राज्यों में धर्मांतरण रोकने के लिए कानून है।
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