सार

पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय (Punjab Police Intelligence Headquarter) की  इमारत में हुए एक विस्फोट में  पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंडा से जुड़े एक संदिग्ध का मोबाइल लोकेशन घटनास्थल के पास मिला है।

नई दिल्ली। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सोमवार को मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय (Punjab Police Intelligence Headquarter) की इमारत में हुए एक विस्फोट में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी से जुड़े खालिस्तानी चरमपंथी समूह के संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्कर्स की भूमिका पाई है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान उन्हें विस्फोट स्थल के पास पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंडा से जुड़े एक संदिग्ध का मोबाइल टावर लोकेशन मिला है। उन्होंने कहा कि हमने विस्फोट स्थल के दायरे में आने वाले सभी मोबाइल टावरों के डंप डेटा तक पहुंचने के बाद सैकड़ों मोबाइल फोन स्थानों को स्कैन किया है और कुछ संदिग्ध पाए हैं।

उन्होंने कहा कि इनमें से एक नंबर कथित तौर पर रिंडा से जुड़े एक ओवरग्राउंड वर्कर का है। मामले में और जानकारी हासिल करने के लिए संदिग्ध को पकड़ने के लिए टीमों का गठन किया गया है। यह भी संदेह है कि रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड (आरपीजी) को पाकिस्तान की सीमा से भारत में तस्करी कर लाया गया था। रिंडा सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी में कथित रूप से शामिल था।

आरडीएक्स किया गया था बरामद
पंजाब पुलिस ने रविवार को तरनतारन जिले के एक गांव में करीब 1.5 किलोग्राम आरडीएक्स से भरा एक विस्फोटक उपकरण बरामद किया था और दो लोगों को गिरफ्तार किया था। विस्फोटकों की कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों के लिए तस्करी की गई थी। केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी मामले में सफलता हासिल करने के लिए हरकत में आई हैं।

यह भी पढ़ें- पिज्जा ऑर्डर के चलते पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमले का मिला सुराग, कार सवार लोगों की हो रही तलाश

असामान्य बात है आरपीजी से हमला
केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसा संदेह है कि हमले में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) का इस्तेमाल किया गया था और यह एक असामान्य बात है। पहले भी ग्रेनेड हमले हुए हैं, लेकिन आरपीजी का इस्तेमाल सभी के लिए चिंता का विषय है। हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने 9 मई को पड़ोसी राज्यों में खालिस्तानी तत्वों और विधानसभा की बाहरी सीमा पर खालिस्तान के झंडे लगाने और नारे लिखने के मद्देनजर राज्य में अलर्ट जारी किया था।

यह भी पढ़ें-  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा- क्या कानून की दोबारा जांच होने तक देशद्रोह के मामलों को टाला जा सकता है?