सार

पंजाब के लुधियान में एक शख्स के मर्डर से जुड़ी चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। 14 साल बाद जब अचानक यह शख्स सामने आया, तो कइयों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। वहीं पुलिस ने चैन की सांस ली।

लुधियाना. जिले के जगराओं में 14 साल पहले एक शख्स की हत्या का मामला सामने आया था। इस मामले में युवक के परिजनों की शिकायत पर तीन पुलिवालों पर केस दर्ज किया गया था। ये हैं रिटायर्ड डीएसपी अमरजीत सिंह खैहरा, जसवंत सिंह और काबिल सिंह। हालांकि जैसे ही यह युवक सामने आया पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया।

यह है पूरा मामला..
रिटायर्ड डीएसपी अमरजीत सिंह के मुताबिक, 2005 में वे थाना डेहलों के प्रभारी थे। उसी दौरान 25 अगस्त को गांव रंगीयां के हरदीप सिंह को मोटरसाइकिल पर 70 किलोग्राम भुक्की(नशे की सामग्री) ले जाते गिरफ्तार किया था। हालांकि जब उसे पुलिस पूछताछ के लिए ला रही थी, तो वो चकमा देकर गायब हो गया था। इस मामले में आरोपी के परिजनों ने उसे अवैध तरीके से थाने में रखे जाने की शिकायत की थी। 17 सितंबर 2005 को दाया कलां गांव के पास एक व्यक्ति की लाश मिली थी। हरदीप के पिता नगिंदर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा कि यह लाश उसके बेटे की है। उसे हिरासत में मारा गया है। हालांकि जांच में यह साबित नहीं हुआ था। लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उसे हरदीप की लाश माना और पुलिसवालों पर हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। 21 अगस्त 2010 को तीनों पुलिसवालों पर हत्या का केस दर्ज हो गया। यह मामला लगातार उलझा हुआ था। पुलिसवाले खुद को बेकसूर बताते रहे, लेकिन वे इसे साबित नहीं कर पाए। अब हरदीप के वापस आने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे 2 सितंबर को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

हरदीप ने बताया कि पुलिस की हिरासत से भागने के बाद वो कुछ समय कालका और फिर दिल्ली-यूपी में रहा। इसकी जानकारी उसके पिता को थी। उल्लेखनीय है कि इस मामले में हरदीप के परिजनों को 2 लाख का मुआवजा भी मिल गया था।