सार

यह कहानी एक ऐसे बच्चे की है, जो दूसरों की सेवा करने में खुशी महसूस करता रहा है। लेकिन जब उसे मदद की जरूरत पड़ी, तो लोग पीछे हट गए। हालांकि अब दिगंबर जैन सोसायटी इस बच्चे को आर्टिफिशियल लिंब(पैर) लगाएगी।

चंडीगढ़. यह कहानी एक ऐसे बच्चे की है, जो समाजसेवा करने में खुशी महसूस करता है। लेकिन एक बार ऐसा हादसा हुआ कि उसके दोनों हाथ-पैर काटने पड़ गए। जब उसे मदद की जरूरत पड़ी, तो ज्यादातर लोगों ने मुंह मोड़ लिया। लेकिन अब दिगंबर जैन सोसायटी इस बच्चे की मदद के लिए आगे आई है। सोसायटी बच्चे को आर्टिफिशियल लिंब(पैर) लगवाएगी।

गुरुद्वारे में सेवा करते वक्त हुआ था हादसे का शिकार..
इस घटना को सालभर से ज्यादा हुआ है। कुलविंदर के पिता धर्मपाल ने बताया कि उनका बेटा गुरुपर्व पर गुरुद्वारा साहिब में सेवा कर रहा था। ऊपर 1100 वोल्ट की बिजली का तार लटक रहा था। वो समीप रखी सीढ़ियों को छू रहा था। अचानक कुलविंदर सीढ़ियों से टच हो गया। करंट इतना तेज था कि बच्चे के दोनों हाथ-पैर बुरी तरह जल गए। उसे पीजीआई ले जाया गया। वहां उसके दोनों-हाथ पैर काटने पड़े। यह हादसा बताते हुए पिता फूट-फूटकर रोने लगा।

किसी ने नहीं की मदद..
धर्मपाल ने बताया कि वे पंचर बनाने की एक छोटी-सी दुकान चलाते हैं। बच्चे की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। बड़ी मुश्किल से वे बच्चे का इलाज कराते रहे। करीब साल भर तक बच्चा दर्द से रोता रहा। मायूस रहा। अब कुलविंदर डेराबस्सी के एक प्राइवेट स्कूल में 9वीं क्लास का स्टूडेंट है। हालांकि वो स्कूल नहीं जा सकता। लिहाजा घर से ही पढ़ाई कर रहा है। उसे एग्जाम के लिए एक राइटर मिल जाता है। एक दिन परिचित संत कुमार ने धर्मपाल को बताया कि दिगंबर जैन मंदिर में कैंप लगाया गया है। धर्मपाल यहां पहुंचे। अब उन्हें अपने बच्चे के लिए कुछ उम्मीद जागी है। मंदिर में महामंत्री संत कुमार जैन ने बताया कि कुलविंद्र को स्पेशल मैग्नेट के लिंब लगाए जाएंगे। इसके बाद वह अपने हाथों से कंप्यूटर भी चला सकेगा। सारा खर्च भी दिगंबर जैन सोसायटी ही उठाएगा।