सार

यह तस्वीर पंजाब के गुरुदासपुर की है। कोरोनावायरस ने जिंदगी की रफ्तार पर कैसे जाम लगा दिया है, यह मामला इसी से जुड़ा है। माता-पिता को अपने बच्चे के इलाज के लिए सूनी सड़कों पर मीलों भटकना पड़ा।

गुरदासपुर, पंजाब. यह तस्वीर पंजाब के गुरुदासपुर की है। कोरोनावायरस ने जिंदगी की रफ्तार पर कैसे जाम लगा दिया है, यह मामला इसी से जुड़ा है। माता-पिता को अपने बच्चे के इलाज के लिए सूनी सड़कों पर मीलों भटकना पड़ा। हुआ यूं कि रविवार को जनता कर्फ्यू के कारण सारा शहर बंद था। इसी बीच दीपक नामक इस शख्स के बच्चे सूरज को सर्दी-खांसी और बुखार आ गया। यह देखकर माता-पिता घबरा गए। कोरोनावायरस के डर ने उन्हें भीतर से हिला दिया। वे फौरन बच्चे को लेकर हॉस्पिटल की ओर निकल पड़े। लेकिन सुनसान सड़क पर उन्हें कोई वाहन नहीं मिला। 

..और आंसू निकल आए माता-पिता के..
बेटे को सीने से चिपकाए पिता सुनसान सड़क पर तेज कदमों से चला जा रहा था। पीछे-पीछे बच्चे की मां घबराई सी आ रही थी। बड़ी मुश्किल से कोई आदमी नजर आया। उसने पुराने सिविल हॉस्पिटल जाने की बात कही। दम्पती पैदल ही वहां पहुंचा। लेकिन वहां चाइल्ड स्पेशलिस्ट नहीं था। वहां से नया हॉस्पिटल करीब 3 किमी दूर है। बच्चे की तबीयत बिगड़ती देख मां-बाप का चेहरा उतर गया। उनके आंसू निकल आए। संयोग से एक राहगीर फरिश्ता बनकर सामने आया और दम्पती को बब्बरी स्थित सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया। तब मां-पिता की जान में जान आई।