सार
दोनों मासूम भूखे प्यासे भटक रहे थे, डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट ने जब उनको खाना खिलाया तो वह बोले बहुत भूख लगी थी अंकल, अब पता नहीं कब खाने को मिलेगा। मासूमों की हालत देखते हुए यूनिट ने उनको शहर के शेल्टर होम में रहने के लिए भेज दिया है।
चंडीगढ़, सोचो जिन मासूम बच्चों की अभी खेलने-कूदने की उम्र हो और उनके सिर से मां-बाप का साया छिन जाए तो इससे बड़ी बदनसीबी और क्या होगी। ऐसी एक दुखद और दर्दनाक कहानी चंडीगढ़ शहर से सामने आई है। जहां डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट को दो बच्चे रोते हुए लावारिस हालत में मिले। जब उनसे माता-पिता के बारे में पूछा तो वह कहने लगे कि उनकी मम्मी-पापा ट्रेन से कटकर मर गए।
खाने देखते बोले बच्चे-आज के बाद कब खाना मिलेगा
दरअसल, मनीमाजरा थाने इलाके में 5 व 6 साल के दो बच्चे लावारिस घूमते हुए मिले। जो आपस में अपने आपको भाई-बहन बता रहे हैं। दोनों मासूम भूखे प्यासे भटक रहे थे, डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट ने जब उनको खाना खिलाया तो वह बोले बहुत भूख लगी थी अंकल, अब पता नहीं कब खाने को मिलेगा।
शेल्टर होम भेजे गए मासूम बच्चे
मासूमों की हालत देखते हुए डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट ने उनको शहर के शेल्टर होम में रहने के लिए भेज दिया है। यूनिट के अधिकारी उनके अन्य परिवार के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। साथ ही दोनों की काउंसलिंग भी की जाएगी।