सार
कोटा की जेके अस्पताल की बदइंतजामी और डॉक्टरों की लापरवाही से एक महीने में 77 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन इन बच्चों की मौत को नॉर्मल बता रहा है।
कोटा ( राजस्थान). कोटा के जेके अस्पताल की बदइंतजामी और डॉक्टरों की लापरवाही से एक महीने में 77 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह शर्मनाक घटना शहर के जेजे लोन हॉस्पिटल की है।
2 दिन तोड़ा 10 बच्चों ने तोड़ा दम
वहीं पिछले दो दिनो यानी सोमवार-मंगलवार को 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में मौत हो जाने के बाद भी हॉस्पिटल ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। जिला प्रशासन से लेकर अस्पताल प्रबंधन तक इन बच्चों की मौत को नॉर्मल बता रहा है। वहीं डॉक्टरों ने किसी तरह की लापरवाही से भी इनकार किया है।
वायरल हुई बच्चों की मौत की खबर
हालांकि जब यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई तब जाकार सूबे की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नींद खुली। इसके बाद उन्होंने आनन-फानन में पूरे मामले को लेकर प्रदेश के हेल्थ सचिव वैभव गालरिया को पूरी घटना की जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
कहीं इस वजह से तो नहीं हुई बच्चों की मौत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन बच्चों की मौत स्वाभाविक और सामान्य नहीं थी। बल्कि इनकी मौत के पीछे नवजात वार्ड में सीवर लीक समस्या बताई जा रही है। जिसके चलते इन मसूमों के शरीर में इन इनफेक्शन फैल सकता है। हालांकि अभी तक बच्चों की मौत के पीछे सही कारण सामने नहीं आया है।
एक रात में थम गईं 4 नवजातों की सांसे...
वहीं बताया जाता है कि पांच दिन पहले एक ही रात में इस अस्पताल में एक साथ 4 नवजातों की मौत हुई थी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन इन मौतों को भी स्वाभाविक और सामान्य बता रहा है। वहीं हेल्थ विभाग के विशेषज्ञों का मानना है कि हेल्दी सीजन में कैसे अचानक बिना बीमारी की एक साथ चार बच्चों की मौत हो सकती है।