सार

अजमेर शरीफ दरगाह पर विवाद में अब अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े प्रबंधन ने कहा है कि यह सब महौल खराब करने की कोशिश है। इससे पहले महाराणा प्रताप सेना ने दावा किया था कि यह एक हिंदू मंदिर है।

अजमेर. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब राजस्थान के अजमेर में स्थित अजमेर दरगाह शरीफ का मामला सामने आया है। एक हिंदू संगठन का दावा है कि दरगाह मंदिर पर है और अगर सरकार इसका सर्वे कराती है तो सब कुछ सामने आ जाएगा।  वही अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े प्रबंधन का कहना है कि यह सब माहौल खराब करने की चाल है । 

पुलिस हुई अलर्ट
अभी पिछले कुछ महीनों से राजस्थान के जो हालात है उसको देखते हुए वहां की पुलिस और सरकार किसी भी बयान को और मामले को हल्के में नहीं ले रही है। अजमेर शरीफ मामले भी पुलिस का यही नजरिया सामने आया है। क्योंकि इस बयान बाजी और सर्वे की मांग के बीच अजमेर पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने अजमेर दरगाह को की सुरक्षा को बढ़ाया है। हालांकि यह कहा जा रहा है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज है, उस कारण यह सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।

संगठन CM से लेकर राष्ट्रपति तक को लिखे खत
महराणा प्रताप संगठन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को भी इस बारे में पत्र लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने इसकी जांच कराने की अपील की है। महराणा प्रताप सेना के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार ने दरगाह के हिंदू मंदिर होने का दावा करते हुए अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी है। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति और राजस्थान के राज्यपाल को भी इस संबंध में पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि हम अनुरोध करते हैं कि भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा इसका सर्वे कराया जाए। इससे इस बारे में और अधिक पुख्ता सबूत मिल जाएंगे। साथ ही महराणा प्रताप सेना के प्रमुख परमार ने कहा कि अगर इसकी जांच नहीं कराई गई तो हम आंदोलन करेंगे। 

दरगाह कमेटी के सदस्यों ने कही ये बात 
दरगाह कमेटी के प्रबंधन का कहना है कि यह असामाजिक तत्वों द्वारा सिर्फ माहौल को खराब करने की साजिश है और इससे किसी को कुछ नहीं मिलना। हिंदू और मुस्लिम संगठनों के इस दावे के बीच अब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भाग दौड़ शुरू हो गई है।
 


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