सार
हादसा कब और कैसे हो जाए..कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता। दिल दहलाने वाला यह हादसा यही बताता है। अलवर के गरवाजी में झरने से नहाकर निकले दो दोस्तों में से एक के ऊपर पहाड़ का भारी-भरकम पत्थर टूटकर आ गिरा। इस हादसे में उसके दो टुकड़े हो गए। हादसे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लाश को गठरी में बांधकर लाना पड़ा। दूसरा दोस्त बाल-बाल बच गया। दोनों युवक जिगरी दोस्त थे।
अलवर, राजस्थान. खुशियां कैसे चंद सेकंड में मातम में बदल जाती हैं, यह हादसा इसी का उदाहरण हैं। मौत जैसे अपना शिकार चुनकर ले जाती है। दो दोस्त एक साथ झरने से निकले थे, तभी पहाड़ से करीब 200 किलो का एक पत्थर टूटकर एक के ऊपर आ गिरा। दूसरा बाजू में होने के बावजूद बच गया। हादसा कब और कैसे हो जाए..कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता। दिल दहलाने वाला यह हादसा यही बताता है। इस हादसे में उसके दो टुकड़े हो गए। हादसे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लाश को गठरी में बांधकर लाना पड़ा। दूसरा दोस्त बाल-बाल बच गया। दोनों युवक जिगरी दोस्त थे।
ससुराल खींच लाई मौत...
हादसा सिलीसेढ़ के समीप गरवाजी स्थित झरने में मंगलवार सुबह करीब 9 बजे हुआ। हादसे में 33 साल के विक्रमसिंह शेखावत की मौत हो गई। विक्रम अपनी पत्नी को मायके छोड़ने के बाद दोस्त से मिलने पहुंचा था। विक्रम सीकर जिले के अजीतगढ़ के गांव हाथीदेह का रहने वाला था। उसकी ससुराल हरियाणा के दासोद गांव में थी। दासोद में पत्नी को छोड़ने के बाद मृतक ततारपुर तिराहा के पास कुशालबास में रहने वाले अपने दोस्त रणजीत सिंह से मिलने आया था। यहां से दोनों सोमवार शाम को कार से सिलीसेढ़ पहुंचे थे। रात को दोनों दोस्तों ने होटल मे रात गुजारी। मंगलवार सुबह गरवाजी गए थे।
ग्रामीणों ने दोस्त को संभाला...
हादसे के बाद रणजीत बदहवास हो गया था। वहां पहुंचे ग्रामीणों से पुलिस को सूचित किया और इस दौरान रणजीत को संभाला। घटना की सूचना के बाद मृतक का बड़ा भाई विजेंद्र सिंह मौके पर पहुंचा। पोस्टमार्टम के बाद वो भाई की लाश गठरी में बांधकर ले गया। मृतक गांव में एक ढाबा चलाता था। वो 4 भाई-बहन था। कुछ समय पहले उसकी बहन की मौत हो गई थी।