सार

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार के इस बजट का पूरा फोकस सिर्फ चुनावी राज्यों पर रहा। यह केंद्रीय बजट से ज्यादा ‘पांच चुनावी राज्य बजट’ प्रतीत हो रहा है। बजट में बुरे दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था के लिए कोई नीति नहीं है। 

जयपुर (राजस्थान). केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश का आम बजट पेश किया। बीजेपी के नेताओं ने एक तरफ जहां इस बजट को विकास और विश्वास वाला बजट बताया। तो वहीं विपक्षी नेताओं ने कई तरह के सवाल खड़े किए।  इस बजट को लेकर राजस्थान के दिग्गज नेताओं ने भी अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। किसी ने इसे बेहतरीन बताया तो किसी ने किसान विरोधी बजट बताया। आइए जानते हैं सीएम गहलोत से लेकर वसुंधरा राजे ने क्या कहा...

सीएम गहलोत ने कहा-राजस्थान को कुछ नहीं मिला
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार के इस बजट का पूरा फोकस सिर्फ चुनावी राज्यों पर रहा। यह केंद्रीय बजट से ज्यादा ‘पांच चुनावी राज्य बजट’ प्रतीत हो रहा है। बजट में बुरे दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था के लिए कोई नीति नहीं है। राजस्थान को केंद्रीय बजट से बहुत उम्मीदें थीं लेकिन प्रदेश की जनता को इससे निराशा हुई है। आमजन के लिए इस बजट में बुरी खबरें ही हैं। पेट्रोल-डीजल पर लगे नए सेस लगाकर पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई राहत नहीं दी है। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों का असर आखिर में आमजन पर आएगा।

वसुंधरा राजे ने बजट को वताया वरदान
वहीं राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान बीजेपी की नेता वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हए बजट की तारीफ की। उन्होंने लिखा-देश का आम बजट लोकतंत्र के पवित्र मूल्यों को समर्पित बजट है। यह आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाला बजट है। देश के विकास की नई परिभाषा लिखने वाले इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों, आदिवासियों सहित सभी वर्गों का ख़याल रखा गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री  एवं वित्त मंत्री श्रीमती का आभार।

निजीकरण को बढ़ावा देने अलावा कुछ: पायलट
मोदी सरकार के बजट 2021-22 को लेकर राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस बजट को निराशाजनक बताया। पायलट ने कहा कि केंद्रीय बजट से स्पष्ट दिखाई देता है कि देश की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है और सरकार के पास ठोस दिशा नहीं है। बजट महंगाई बढ़ाने वाला है और इसमें किसानों, बेरोजगारों, लघु उद्योगों की स्थिति में सुधार के लिए कोई ब्लूप्रिंट नहीं है तथा मध्यम वर्ग की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है।

बजट के दौरान बेनीवाल ने संसद से किया वॉकआउट
वहीं नागौर सांसद और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने बजट भाषण के दौरान विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने किसान विरोधी बिलों को वापिस लेने की मांग करके लोकसभा से वाक आउट किया। इस दौरान उन्होंने अपने साथ एक तख्ती रखी हुई थी, जिसमें लिखा था कि 'किसानी मारने वाले काले कानून को वापिस लो।' उन्होंने कहा किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।