सार

राजस्थान की सियासत में इस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले विधायक सयंम लोढ़ा का दिया बयान खूब चर्चा में है। जिसकी चर्चा दिल्ली तक हो रही है।  क्योंकि विधायक ने सदन में बोलते हुए कहा- मैं गांधी-नेहरू परिवार का गुलाम हूं और और आखिरी सांस तक रहूंगा।

जयपुर (राजस्थान). हाल ही में हुए देश के पांच राज्यों में कांग्रेस पार्टी की को करारी हाल मिली है। जिसके चलते दिल्ली में बैठे पार्टी की कुछ सीनियर नेताओं ने कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं कुछ नेता ऐसे भी हैं जो गांधी-नेहरू परिवार का गुणगान करते नहीं थक रहे हैं। इसी बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले एक विधायक ने एक ऐसा बयान दिया जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में खूब हो रही है। उन्होंने साफ तौर पर चिल्ला-चिल्लाकर कहा हम  गांधी-नेहरू परिवार के गुलाम हैं और हमेशा ही यह गुलामी चाहते हैं।

'नेहरू गांधी परिवार का आखिरी सांस तक गुलाम रहूंगा'
दरअसल, हैरान कर देने वाला यह बयान देने वाले  निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा हैं। जिन्होंने राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को पत्रकारिता विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पर बोलते कहा- बीजेपी के नेता हम पर आरोप लगाते हैं कि हम गांधी नेहरू परिवार के गुलाम हैं। अगर उनको ऐसा लगता है तो मैं कहता हूं कि हम नेहरू गांधी परिवार गुलाम हैं और आखिरी सांस तक गुलामी करता रहूंगा। 

'नेहरू गांधी नहीं होते तो देश गुलाम ही रहता'
विधायक लोढ़ा ने आगे कहा- मैं इसिलए इनका गुलाम हूं क्योंकि गांधी नेहरू की बदौलत ही इस देश को गुलामी से आजाती मिली है।गांधी नेहरू परिवार ने इस देश की आजादी के लिए अपना बलिदान तक कर दिया। प्राणों की आहूति देकर देश को आजाद कराया है। यह सोले आना सच है कि अगर गांधी परिवार नहीं होता तो देश 1947 में आजाद भी नहीं हो पाता। लोढ़ा के इस बयान के बाद बीजेपी विधायकों ने चुटकी लेते हुए गहलोत सरकार पर तंज कसे। साथ ही सभी सदन में हसंते हुए ताली बजान लगे।

विपक्ष बोला-विधायक को सुनते ही आंखों से आंसू आने लगे
राजस्थान विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधायक लोढ़ा का तंस करते हुए जमकर मजा लिया। उन्होंने स्वीकर से कहा-माननीय  मेरे गुलाम मित्र संयम लोढ़ा का बयान सुनकर मैं भावुक हो गया। आंखों से आंसू आने लगे हैं। इतना ही नहीं मेरे तो पैर ही कप-कपांने लगे हैं कुछ बोलने की हालत में नही हूं। फिर मैं इतना ही कहूंगा कि आप हमेशा ही गुलाम रहें, आपको मैं ऐसी बधाई देता हूं। बता दें कि  संयम लोढ़ा ने कांग्रेस से टिकट कटने के बाद निर्दलीय से चुनाव लड़ा था। वह  कांग्रेस के एसोसिएट मेंबर हैं और सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं।