सार

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के तेजी से फैल रहे संक्रमण के मद्देनजर लोगों से बड़ी संख्या में एक जगह एकत्र नहीं होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने यह फैसला जनहित में किया है। गहलोत ने कहा है कि सभी से अपील है कि इसका पालन करें। सरकार बल प्रदर्शन की बजाय चाहती है कि इसका पालन करने में पब्लिक आगे बढ़कर सहयोग करे।

जयपुर (Rajasthan) । राजस्थान में बीते दो-तीन दिन से औसतन दो से ढाई हजार से बीच कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। इसको देखते हुए गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य के सभी जिला मजिस्ट्रेट को 21 नवंबर से धारा-144 (Section-144) लगाने की अधिकार दे दिया है। गृह विभाग के ग्रुप-9 ने सभी जिला मजिस्ट्रेट को परामर्श जारी कर दिया है। जिला मजिस्ट्रेट लंबे समय के लिए राज्य सरकार के परामर्श से ही धारा-144 लगा सकता है। धारा-144 लागू होने के बाद एक जगह पर 4 लोगों से ज्यादा के एकत्र होने पर प्रतिबंध लग जाएगा। बता दें कि जिला मजिस्ट्रेट के पास ये अधिकार 18 नवंबर तक ही था। दूसरी ओर सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि इस बार पहली से लेकर 12वीं तक के सभी 1.5 करोड़ स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा प्रमोट नहीं किए जाएंगे। 

सीएम ने की अपील
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के तेजी से फैल रहे संक्रमण के मद्देनजर लोगों से बड़ी संख्या में एक जगह एकत्र नहीं होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने यह फैसला जनहित में किया है। गहलोत ने कहा है कि सभी से अपील है कि इसका पालन करें। सरकार बल प्रदर्शन की बजाय चाहती है कि इसका पालन करने में पब्लिक आगे बढ़कर सहयोग करे।

क्या है धारा-144 
किसी जिले में धारा-144 को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। इसके बाद उस इलाके में यह धारा प्रभावी हो जाती है। किसी इलाके धारा-144 लागू होती है वहां 4 या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। उस क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों को छोड़कर किसी के भी हथियार लाने और ले जाने पर रोक लग जाती है। लोगों का घर से बाहर घूमना प्रतिबंध हो जाता है। कोई भी यातायात धारा- 144 लगे रहने तक रोक दिया जाता है।

स्कूल है बंद, छात्र और उनके अभिभावक हैं परेशान
राजस्थान सरकार ने इस बार पहली से लेकर 12वीं तक के सभी 1.5 करोड़ स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा प्रमोट न करने का निर्णय लिया है। इसके चलते पैरेंट्स की जिम्मेदारी बढ़ गई है। कोरोना के कारण फिलहाल प्रदेश में स्कूल बंद हैं। सरकार ने नंवबर के आखिरी दिन तक स्कूल बंद रखने का फैसला किया है। स्कूल खोलने को लेकर दिसंबर के पहले सप्ताह में सरकार फिर समीक्षा करेगी और देखेगी कि कोरोना वायरस कम हुआ तो स्कूल खोले जा सकते हैं या नहीं।

शिक्षा राज्यमंत्री ने ही ये बातें
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि अगर कोविड-19 धीमा पड़ता है तो सरकार स्कूल खोल सकती है। लेकिन, जिस तरह से सर्दी बढ़ने के साथ ही कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसके चलते फिलहाल स्कूल खुलने की संभावना नहीं दिख रही है। ऐसे में परेशानी उन स्टूडेंट्स को आने वाली है जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कोई साधन नहीं है। शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वह स्टूडेंट्स की पढ़ाई उसी तरह से कराएं जैसे पहले कराई जा रही थी।