सार
एसपी कालूराम रावत ने बताया कि नया बस स्टैंड चौकी प्रभारी ओमप्रकाश चौधरी और उनकी टीम भी आरोपी को देखकर हैरत में पड़ गई,क्योंकि वह हुबहू आईपीएस जैसा लग रहा था। ट्रैवल बस एजेंट की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जब आरोपी फुसाराम को थाने में लाकर पूछताछ की गई तो इसने सच्चाई उगल दी।
पाली (Rajasthan) । साल 2015 में 10वीं तक पढ़ा शख्स कांस्टेबल की परीक्षा पास न कर पाने के बाद फर्जी तरीके से आईपीएस बन गया। इसके बाद वो पिछले चार साल से फर्जी आईपीएस बनकर लोगों को ठग रहा था। जिसे देखकर पुलिस भी हैरान हो गई। हालांकि नए बस स्टैंड से उसकी गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हुए। जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
पुलिस भी देखकर हो गई थी हैरान
पाली जिले के नया बस स्टैंड से पकड़ा गया। आरोपी फुसाराम खुद को सीबीआई का एसपी बताकर ट्रैवल एजेंट पर धौंस जमा रहा था, ताकि एसी बस से मुफ्त में ही मुंबई जा सके।
एसपी कालूराम रावत ने बताया कि नया बस स्टैंड चौकी प्रभारी ओमप्रकाश चौधरी और उनकी टीम भी आरोपी को देखकर हैरत में पड़ गई,क्योंकि वह हुबहू आईपीएस जैसा लग रहा था। ट्रैवल बस एजेंट की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जब आरोपी फुसाराम को थाने में लाकर पूछताछ की गई तो इसने सच्चाई उगल दी।
जांच में यह बातें आई सामने
पुलिस के मुताबिक उसके आईडी कार्ड पर राजवीर शर्मा पुत्र राम प्रसाद शर्मा लिखा हुआ है। जबिक उसका नाम फुसाराम था और वो पाली जिले के सर्वोदय नगर का रहने वाला है।
पत्नी भी छोड़ चुकी है साथ
जांच में पता कि आरोपी का पिता रामचंद्र की होमगार्ड में सर्विस होने के कारण वो पाली में ही परिवार समेत आकर बस गए थे। आरोपी की हरकतों से उसकी पत्नी भी परेशान होकर पीहर(अपने घर) चली गई है और उसपर दहेज प्रताड़ना का मुकदमा भी दर्ज है।
4 साल पहले चेतावनी देकर छोड़ा था
बताया जा रहा है कि इसी आरोपी ने करीब 4 साल पहले, पाली के ही वीडी नगर में एक किशोरी को खुद को आईपीएस अधिकारी बताते हुए धमकाने का प्रयास किया था। तब इसे पकड़कर थाने लाया गया था, लेकिन उस वक्त वर्दी में नहीं होने की वजह से सिर्फ चेतावनी देकर ही छोड़ दिया गया था। लेकिन, इस बार आरोपी की वर्दी, उस पर लगे आईपीएस, अशोक स्तंभ तथा स्टार के बेजेज, फर्जी आईडी कार्ड, नकली एयरगन समेत कई प्रतिबंधित वस्तुए जब्त कर ली गई हैं।