सार
राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों को डीजी बीएल सोनी के कार्यकाल पूरा करने के बाद कार्यवाहक डीजी ने ऐसा फरमान निकाल दिया जिससेकी बीजेपी के सामने अफसर भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। वहीं ऐसा बयान देने के बाद सरकार और डीजी घिरती जा रही है।
जयपुर (jaipur). राजस्थान में 31 दिसंबर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीजी बीएल सोनी अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार ने डीजी के कार्यभार का जिम्मा विभाग के ही एक अफसर हेमंत प्रियदर्शी को दिया है। उन्हें कार्यवाहक डीजी बनाया गया है, लेकिन हेमंत प्रियदर्शी ने डीजी बनते ही ऐसा फरमान निकाला है कि भारतीय जनता पार्टी को मुद्दा मिल गया।
ये है वो फरमान, जिसके आने के बाद अफसर हुए खुश
इस फरमान के निकाले जाने के बाद सरकारी अफसर खुश हैं। दरअसल फरमान यह है कि किसी भी भ्रष्ट कार्मिक को पकड़ने के बाद एसीबी उसका नाम और पता उजागर नहीं करेगी ,जब तक कि उसे सजा नहीं हो जाती। इस तरह का फरमान लागू भी कर दिया गया है। लेकिन अब एसीबी और सरकार अपने ही इस फरमान में घिरती जा रही है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार को घेरा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने दावा किया है कि यह सब कुछ सरकार की शह पर ही हो रहा है। राजस्थान में आकाश से लेकर पाताल तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। हालात यह हैं कि हर 12 किलोमीटर पर भ्रष्टाचार हो रहा है। अधिकारियों और अफसरों ने भ्रष्टाचार का पूरा मैन्यू कार्ड बना रखा है। पूनिया ने यहां तक कहा कि यह सब कुछ सरकार की नजर के नीचे हो रहा है, तो आप समझ जाइए कि यह सब सरकार करा रही है।
इस वजह से सरकार ने जारी किया ये फरमान
अब सवाल यह उठता है कि सरकार यह सब क्यों करा रही है? तो इसका जवाब यह है कि यह चुनावी वर्ष है। पिछले 3 से 4 साल में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हर साल कई बड़े अधिकारी रिश्वत लेने के दौरान रंगे हाथों पकड़े हैं। ऐसे में सरकार की साख पर भी बट्टा लग रहा है। इसीलिए सरकार चाहती है कि अब चुनावी वर्ष में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो। इसलिए सरकार ने ही यह आदेश जारी किए हैं। जबकि सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाकर काम कर रही थी यानी भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को पकड़ने के निर्देश दिए गए थे। फिर चाहे वह आईएएस अफसर हो या कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी।
आपको बता दे कि राजस्थान में हर साल करीबन 500 भ्रष्ट कार्मिक पकड़े जाते हैं। इस साल यह संख्या 650 को भी क्रॉस कर गई है। राजस्थान सरकार के इतिहास में सबसे ज्यादा भ्रष्ट कार्मिक इसी साल पकड़े गए हैं।