सार
राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक ठेकेदार पति ने अपनी पत्नी के सामने तीसरी एक निर्माणाधीन भवन की मंजिल से कूद आत्महत्या कर ली। इलाके में इसके बाद हड़कंप मच गया।
जयपुर (राजस्थान). जयपुर के मुहाना थाना इलाके में स्थित एक निर्माणाधीन भवन से कूदकर भवन बनाने वाले ठेकेदार ने जान दे दी। पत्नी के सामने ही ठेकेदार पति ने छत से छलांग लगा दी । उसे लगभग अचेत हालत में नजदीक ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर 2 से 3 घंटे इलाज के बाद पति की मौत हो गई । पत्नी ने पति की मौत के बाद भवन मालिक समेत अस्पताल प्रशासन पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य कई धाराओं में केस दर्ज कराया है। मुहाना थाना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है ।
बिल्डिंग खड़ी करा ली नहीं दिए रुपए, परेशान कर रहा था भवन का मालिक
मुहाना थाना पुलिस ने बताया कि मुकदमा दर्ज कराने वाली कैलाशी देवी खुद बेलदारी का काम करती है । उसके पति सत्यनारायण ठेकेदार हैं। जो मद रामपुरा में तीन मंजिल का एक भवन बना चुके थे । भवन में फर्नीचर का काम जारी था। कैलाशी देवी ने पुलिस को बताया कि भवन मालिक विजय सिंह , अजीत सिंह और कुलदीप सिंह ने जेडीए और अन्य डर दिखाकर बेहद जल्दी बाजी में काम पूरा करा लिया । बीच-बीच में पति ने मजदूरों को देने के लिए रुपए मांगे, लेकिन भवन के मालिक ने जल्द ही पूरा भुगतान करने की बात कहकर मकान बनवा लिया। कुछ दिन पहले रुपयों को लेकर ज्यादा खींचतान हुई तो उन लोगों ने मिलकर पति के साथ मारपीट की और उन्हें रुपए नहीं देने की बात कही। इससे आहत होकर पति ने सभी के सामने तीसरी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी । उनके सिर से खून रिसने लगा । सभी ने मिलकर पति को नजदीक ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने कुछ घंटे के इलाज के बाद सत्यनारायण को मृत घोषित कर दिया ।
'जरा सी देरी नहीं होती तो बस सकती थी जान'
कैलाशी देवी ने पुलिस को बताया कि जिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था वहां भी चिकित्सकों ने भवन मालिक के प्रभाव में आकर सही तरह से उपचार नहीं किया। न ही s.m.s. अस्पताल के लिए रेफर किया। जबकि समय पर इलाज मिल जाता तो पति की जान बच सकती थी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कल रात मुहाना थाना पुलिस ने कैलाशी देवी की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने, मारपीट करने , जान से मारने की धमकी देने समेत सात अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।