सार

जेल विभाग के पुलिसकर्मियों की सैलरी विभागीय पुलिस कर्मचारियों से कम मिल रही है। इसके चलते जेल विभाग के 5 हजार कर्मचारी विरोध पर उतर आए हैं। वहीं अफसरों ने तुगलकी फरमान जारी कर कर्मियों की चिंता बढ़ा दी हैं।

जयपुर (jaipur). राजस्थान के जेल विभाग से आज बड़ी खबर सामने आ रही है। जेल विभाग में एक बड़े अफसर ने ऐसा आदेश दे दिया कि अफसर के खिलाफ विरोध शुरु हो गया। दरअसल जेल विभाग में काम करने वाले करीब पांच हजार कार्मिकों का स्टाफ अपनी पगार को लेकर परेशान है। परेशानी ये है कि होने को तो जेल विभाग, पुलिस विभाग की तरह ही राजस्थान सरकार का ही एक अंग है, लेकिन इस अंग से सरकार इन दिनों परेशान है। दरअसल पुलिस वालों को जो पगार मिल रही है वह सैलरी जेल कर्मचारियों को नहीं मिल रही। इसे लेकर अब नए स्तर पर संघर्ष शुरु हो गया है।

20 साल से झेल रहे परेशानी, अब बड़े स्तर पर  हो रहा विरोध
जयपुर सेंट्रल जेल में काम करने वाले कार्मिक ने बताया कि पंद्रह साल से जेल सवाओं में है। कई साल तो जयपुर जेल में ही हो गए। करीब बीस साल से वेतन की विसंगति चल रही है। पुलिस वालों से कम वेतन मिलता है और भत्ते भी कम ही हाथ में आते हैं। जेल अफसर और सरकार दोनो का मानना है कि ये गलत है और दोनो बराबर होने चाहिए, लेकिन उसके बाद भी कोई प्रयास नहीं करता। राजस्थान में करीब एक सौ चालीस जेलें हैं और इनमें करीब पांच हजार कार्मिक हैं। सभी इससे परेशान है। साल 2017 में इस पर सहमति भी बनी थी और सरकार ने एक महीने में ही सब कुछ सही करने का निर्णय लिया था लेकिन वह एक महीना अभी तक नहीं आया और पांच साल गुजर गए।

जेल अफसर बोले, काली पट्टी बांधकर आए तो सस्पैंड करा दूंगा
जेल कार्मिकों ने बताया कि वेतन सही कराने का विरोध भी करना चाहते हैं और काम भी नहीं छोड़ना चाहते। ऐसे में अब काली पट्टी बांधकर आज से काम करना शुरू कर दिया है। लेकिन भरतपुर जेल के अधीक्षक अशोक वर्मा  ने तुगलकी आदेश निकाल दिया है। वर्मा का कहना है कि अगर जेल में कोई काली पट्टी बांधकर आया तो उसे सस्पैंड कर दिया जाएगा। अब इसका भी विरोध शुरु हो गया है।