सार

राजस्थान में कांग्रेस सरकार के पांच साल पूरे होने में डेढ़ साल का ही समय बचा है। इसके साथ ही प्रदेश में चुनावी तैयारियां शुरू हो चुकी है। प्रदेश सरकार ने युवाओं को लुभाने के लिए शासन समाप्त होने से पहले 1 लाख भर्ती निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे जुड़ी पढ़िए पूरी जानकारी।

जयपुर. राजस्थान के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। सरकार के डेढ़ साल का शासन समाप्त होने से पहले राजस्थान में तीन बड़ी भर्तियां आयोजित होगी। इनमें करीब एक लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरियां मिलेगी। विभागों की ओर से तीनों भर्तियों की फाइल वित्त विभाग को भेज दी गई है। जहां फाइलें प्रक्रियाधीन है। वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद साल 2023 के पहले इन भर्तियों की विज्ञप्ति जारी होगी। वहीं अगले साल से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 

दरअसल पहली भर्ती चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की है। इसके करीब 54000 से ज्यादा पद वर्तमान में खाली है। ऐसे में इस भर्ती की विज्ञप्ति जल्द ही जारी होने की संभावना है। भर्ती को लेकर विधायक चंद्रकांता मेघवाल के द्वारा विधानसभा में पूछे गए प्रश्न पर जवाब मिला कि कर्मचारियों के भत्ते में वृद्धि करने समेत कुछ मामलों को लेकर अभी यह प्रक्रिया लंबित है। वित्त विभाग की ओर से क्लीयरेंस मिलने के बाद जल्द ही यह भर्ती होगी।

अकाउंटेंट के 1900 से ज्यादा पदों पर होगी सीधी भर्ती
दूसरी भर्ती राजस्थान में कनिष्ठ लेखाकार यानी अकाउंटेंट के पद के लिए होगी। वर्तमान में 5 हजार से ज्यादा पद खाली है। इनमें करीब 31 सबसे ज्यादा पद प्रमोशन से तो वही करीब 19 सौ के करीब पद सीधी भर्ती के जरिए भरे जाएंगे। इस एग्जाम के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड कुछ दिनों में ही विज्ञप्ति जारी करने वाला है। 

शिक्षक भर्ती जनवरी में
विधानसभा में वाजिब अली के द्वारा शिक्षक भर्ती के लिए पूछे गए प्रश्न पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने जवाब दिया कि विभाग की ओर से पहले जो भर्ती निकाली गई उसमें करीब है 95% से ज्यादा ने नौकरी ज्वाइन कर ली है। अभी कर्मचारी चयन बोर्ड एक अगले साल जनवरी से फरवरी के बीच इस परीक्षा का आयोजन करवाने की तैयारियों में जुटा हुआ है।

थोड़ी भी देरी हुई तो युवाओं का भविष्य खतरे में
हालांकि सरकार ने अपना शासन खत्म होने से पहले भले ही युवाओं को लुभाने के लिए नौकरी देने की घोषणा कर दी हो। लेकिन यदि इन भर्तियों की परीक्षा आयोजित होने में यदि देर होती है और इसी बीच यदि प्रदेश में आचार संहिता लागू हो जाती है। तो ऐसे में एग्जाम होने के बाद भी रिजल्ट जारी होने में काफी समय लगेगा। और यदि सरकार बदली तो हो सकता है कि पुरानी भर्तियों को भी रद्द कर दिया जा सके।