सार
एक कुत्ते ने गांव की 36 गायों को काटा गाड़ियों के पीछे भागने लगता गुस्साएं लोगो ने कुत्ते को घेरकर तब तक लट्ठ मारे, जब तक मर नहीं गया। गायों का इलाज किया जा रहा है।
जैसलमेर. शहर में आए दिन आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले दस दिन में कुत्तों ने दो बच्चों को निवाला बनाया। एक बच्चे को पांच कुत्तों ने शरीर पर चालीस जगहों पर घाव दिए तो एक अन्य बच्चे के कान पर कुत्ता लटक ही गया और उसका कान ही चीर दिया। कान की ये हालात हो गई है कि अब कान पर टांके नहीं लगाए जा सकते हैं, अब उसकी सर्जरी ही होगी और वह अगले महीने होगी। इन दोनो घटनाओं के बाद अब जैसलमेर से बड़ी खबर है। जैसलमेर में एक कस्बे में एक कुत्ते ने इतना आतंक मचाया कि उसे मार दिया गया। पहले तो उसने वाहन चालकों पर हमला करने की कोशिशें की और उसके बाद जब वाहन चालकों ने उसे भगा दिया तो उसने गायों पर हमला कर दिया। कुत्ते ने दो दिन में चालीस गायों को काट लिया। गुस्साएं लोगों ने आखिर में कुत्ते को जान से मार दिया।
कुत्ते ने किसी का मुंह नोच लिया तो किसी का कान चबा लिया
जैसलमेर जिले के लाठी गांव में स्थित खेतोलाई गांव की यह घटना है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक कुत्ता कुछ दिनों से आने जाने वाले दुपहिया सवारों के पीछे दौड लगा रहा था और उनको काटने की कोशिश कर रहा था। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका तो किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन एक दिन पहले कुत्ते ने कई गायों पर हमला कर दिया। गांव में ये हालात हो गए कि कुत्ते को देखते ही गायें दौड़ लगाने लगीं और इस कारण कई वाहनों से टकरा गई। गांव वालों ने कुत्ते को वहां से भगा दिया। लेकिन सोमवार को दोपहर में फिर से कुत्ते ने कई गायों पर हमला कर दिया। दो दिन में उसने अलग अलग जगहों पर 35 गायों को काट लिया। किसी का कान चबा लिया तो किसी की नाक पर घाव कर दिया। गांव वालों को इसकी जानकारी मिली तो गांव वालों ने कुत्ते को घेरकर उसे पीट पीट कर मार दिया। इस दौरान उसने लोगों पर भी हमला करने की कोशिश की। अब गायों का उपचार किया जा रहा है। उन्हें इंजेंक्शन और दवाएं दी जा रही है।
बता दे कि नगर निगम ने कुछ समय पहले नसबंदी कार्यक्रम कराया था उसके बावजूद प्रदेश में आवारा कुत्तो की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है और आए दिन कोई न कोई मासूम इनका शिकार हो रहा है। साथ ही इनका खतरा भी बढ़ता जा रहा है। अभी तक नगर निगम की तरफ से कुछ भी बयान नहीं दिया है। जयपुर शहर में ही करीब 15 हजार से ज्यादा पेट डॉग और करीब 40000 से भी ज्यादा स्ट्रीट डॉग है। अगर पूरे प्रदेश की संख्या निकाली जाए तो यह संख्या 10 लाख से भी ज्यादा जा सकती है। इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद भी न तो सरकार और न ही जिलों का लोकल प्रशासन इस बारे में गंभीरता से विचार कर रहा है।
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