सार

देश की सुरक्षा में तैनात राजस्थान की वीर भूमि शेखावटी का लाल सतपाल सिंह शहीद हो गया। जम्मू कश्मीर के राजोरी में आतंकियों से मुठभेड़ में वह घायल हो गए थे। हमले के बाद से पिछले 10 दिन से उनका इलाज चल रहा था। लेकिन वह दुनिया को अलविदा कह गए।

सीकर (राजस्थान). वीरों की धरती माने जाने वाली शेखावाटी के एक और लाल ने देश सेवा में अपनी शहादत दे दी है। 10 दिन पहले जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए आतंकी हमले में गंभीर रूप से घायल हुए झुंझुनू जिले के हवलदार सतपाल सिंह ने आज हॉस्पिटल में इलाज के दौरान आखिरी सांस ली। हमले के बाद से उनका इलाज चल रहा था। इसी बीच इनका एक ऑपरेशन भी हुआ लेकिन वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए। फिलहाल सोमवार शाम शहीद जवान सतपाल सिंह की पार्थिव देह उनके नाम जेतपुरा पहुंचेगी। मंगलवार को गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

जवान के  सिर और कमर में लगी थी गोली
सैन्य अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक 11 अगस्त को राजौरी के परगल सेक्टर में आतंकियों ने आर्मी जवानों के कैंप को निशाना बनाते हुए उस पर हमला कर दिया था। इस घटना में झुंझुनू के ही रहने वाले राजेंद्र शहादत को प्राप्त हो गए थे। आतंकियों से हुई इस मुठभेड़ में सतपाल को भी सिर और कमर में गोली लग गई थी। जिसके बाद उन्हें उधमपुर के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। यहां ही इलाज के दौरान वह वीरगति को प्राप्त हो गए।

सीकर  जिले में 11 दिनों के भीतर दूसरी शहादत
सतपाल सिंह का गांव में हंसता खेलता परिवार है। 3 जुलाई को ही वह अपने गांव से ड्यूटी पर गए थे। शहादत के बाद गांव में इस बात की खबर फैल चुकी है। लेकिन अभी तक घर की महिलाओं को कुछ भी नहीं बताया गया है। जिले में 11 दिनों के भीतर दूसरी शहादत से सभी की आंखें नम हो चुकी है। 

कारगिल में सबसे ज्यादा शहीद झुंझुनू के लाल
दरअसल, शेखावाटी का पूरा इलाका वीरू और शहीदों की भूमि के नाम से जाना जाता है। पूरे कारगिल युद्ध में राजस्थान में 52 जवान शहीद हुए थे। इसमें शेखावाटी के 33 जवान थे। जिनमें से भी करीब 15 से ज्यादा जवान अकेले झुंझुनू जिले के ही थे। झुंझुनू जिले में एक गांव तो ऐसा भी है जहां हर तीसरे घर में एक युवा फौज में है या फौज की तैयारी कर रहा है। 

अंत्येष्टि से पहले निकलेगी तिरंगा यात्रा
जवान सतपाल सिंह की अंत्येष्टि से पहले कई किलोमीटर की तिरंगा यात्रा भी निकाली जाएगी। जिसमें हजारों की संख्या में झुंझुनू जिले के लोग शामिल होंगे। गौरतलब है कि इससे पहले 16 अगस्त को भी शेखावाटी का ही एक लाल सीकर का शाहपुरा का रहने वाला सुभाष आईटीबीपी की बस पलटने से  शहीद हो गया था।

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