सार
जोधपुर के एम्स ने देश में इस तरह का पहला सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया, जहां 6 दिन के जुड़वां बच्चों को अलग किया। 3.30 घंटे चली इस सर्जरी के लिए करीब 34 डॉक्टरों की टीम बनाई गई थी।
जोधपुर. हमारे सामाज में लोग डॉक्टरों को भगवान का रुप मानते हैं। क्योंकि वही एक ऐसा शख्स है, जो किसी को मौत के मुंह में जाने से बचा सकता है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान में सामने आया है। जहां जन्म के बाद आपस में जुड़े हुए दो बच्चों को डॉक्टरों ने आपॅरेशन के बाद अलग-अलग कर दिया।
देश में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन
दरअसल, यह सफलतापूर्वक आपॅरेशन जोधपुर के एम्स में शनिवार को हुआ। जहां 6 दिन के जुड़वां बच्चों को अलग किया गया जानकारी के मुताबिक, देश में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है, जिसमें 6 दिन के जुड़वां बच्चों को 3.30 घंटे चली इस जटिल सर्जरी के बाद अलग किया गया। एम्स की तरफ से यह निशुल्क किया गया है। इसका कोई चार्ज नहीं लिया है। फिलहाल दोनों बच्चे वेंटीलेटर पर हैं। जहां अस्पताल के डॉक्टर उन पर नजर बनाए हुए हैं।
बच्चों के लिए 34 लोगों की बनाई गईं थीं 2 टीमे
बता दें कि पाली जिले की रहने वाली एक महिला ने इन जुड़वा बच्चों को सोमवार के दिन एक निजी अस्पताल मे जन्म दिया था। जहां अचानक एक बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। वह बच्चे का इलाज कराने के लिए जोधपुर के एम्स आए। यहां डॉक्टरों के देखने के बाद पता चला कि एक के हार्ट और लिवर में ज्यादा प्रॉब्लम थी। इसकी की वजह से दोनों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।अगर एक बच्चे की मौत हो जाती तो दूसरे को सिर्फ 30 मिनट में अलग करना पड़ता, जो बेहद मुश्किल था। इसके अलावा बच्चों में हार्ट और फेफड़े सहित अन्य बीमारी भी थीं।
दिल्ली के बाद जोधपुर ने रचा इतिहास
एम्स के अधीक्षक डॉ. अरविंद सिन्हा ने फौरन बच्चों की देखरेख और आपॅरेशन के लिए दो टीमे बनाईं। इन दो टीमों में करी 30 से ज्यदा लोगों को शामिल किया गया। इसके बाद दोनों टीमे बच्चों के साथ ऑपरेशन थिएटर में करीब 3 बजे के आसपास गए और शाम 7 बजे सफल परिणाम लेकर बाहर आ गए। डॉक्टरों ने एक-दूसरे को इस सफलता और मेहनत पर बधाई दी। वहीं एम्स जोधपुर के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने बधाई देते हुए कहा कि एम्स दिल्ली के बाद एम्स जोधपुर दूसरा चिकित्सा संस्थान है, जिसने दूसरे यह कीर्तीमान हासिल किया है। इस तरह इन डॉक्टरों की टीम ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर यह माइलस्टोन बनाया।