सार
भाजपा की तरफ से आरोप लगाए गए हैं कि हिंसा को लेकर सरकार और पुलिस की कार्रवाई ठीक नहीं है। निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है। सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने कहा कि मुख्यमंत्री जोधपुर को श्मशान बना देना चाहते थे। लोगों की लाशें बिछा देना चाहते थे।
जोधपुर : राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर में हुई हिंसा (Jodhpur Violence) को लेकर सियासत लगातार जारी है। एक बार फिर बीजेपी की तरफ से राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को अलग-अलग राज्यों में हुए दंगों की जांच करवाने की चुनौती पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री एक कदम आगे बढ़ाएं और प्रदेश में करौली, जोधपुर सहित अन्य हुई घटनाओं जांच CBI को देने की अनुशंसा कर दे तो सब कुछ सामने आ जाएगा। कौन लोग हैं, जिनकी वजह से इस तरह की घटनाएं हुई हैं?
कहीं PFI का हाथ तो नहीं - शेखावत
रविवार को जोधपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने कहा कि करौली के दंगों में PFI (Popular Front of India) का नाम आ रहा है, कहीं जोधपुर में भी इसका संबंध नहीं। इसकी जांच होनी चाहिए। शेखावत ने कहा कि जांच बिना दबाव के और तेज गति से होनी चाहिए। शेखावत ने कहा कि ऐसा क्यों हो रहा है कि जिस भी राज्य में मजहब विशेष के लोग कांग्रेस पार्टी से छिटक रहे हैं, वहां कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो रहा है। ऐसी स्थिति में प्रदेश में हो रही घटनाओं को पार्टी बचाए जाने के परोक्ष में देखा जाना चाहिए।
क्या हुआ था जोधपुर में
दरअसल, दो मई की रात ईद से पहले झंडा लगाने और लाउडस्पीकर को देकर दो पक्षों में सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी। इसके बाद विवाद इतना बढ़ गया था कि हालात बिगड़ गए। जिसके बाद पुलिस ने मामले को शांति करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया था। साथ ही माहौल को सुधारने के लिए जनता से अपील की थी वे सोशल मीडिया में फेक जानकारी देने वालों के बारे में पुलिस को बताए। पुलिस लगातार इसमें शामिल आरोपियों पर एक्शन ले रही है।
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