सार

राजस्थान के नागौर जिले 4 मामाओं 2 भांजियों को शादी में जो गिफ्ट दिया वह इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है। मामा ने भांजियों की शादी  में 25 तौला सोना, करीब एक किलो चांदी के अलावा 51 लाख 11 हजार रुपए  भात भराई में भेंट किए हैं। जिसे देख बहन एकबारगी भावुक हो गई। 

नागौर (राजस्थान). देश के अधिकतर राज्यों में बहन के बच्चों की शादियों में मामा की तरफ से भात देने की परंपरा है। जहां मामा पक्ष के लोग  अपनी बहन के परिवार को कपड़े, गहने, रुपए और भी कई महंगे तोहफे देते हैं। खासकर राजस्थान में यह रस्म बहुत प्रचलित है। नागौर जिले 4 मामाओं भांजियों को शादी में जो गिफ्ट दिया वह इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है। 

किसान भाइयों का गिफ्ट देख भावुक हो गई बहन
दरअसल यहां किसान भाइयों ने अपनी दो भांजियों की शादी  में 25 तौला सोना, करीब एक किलो चांदी के अलावा 51 लाख 11 हजार रुपए  भात भराई में भेंट किए हैं। जिसे पाकर जहां बहन एकबारगी भावुक हो गई। वहीं, इस भात की चर्चा  जिलेभर में आग की तरह फैल गई है। खास बात ये भी है लाडनूं शहर में भरे गए इस भात के लिए किसान परिवार 30 साल से रुपए जुटा रहा था। 

पांच भाइयों में इकलौती है बहन 
जानकारी के अनुसार लाडनूं निवासी सीता देवी राजोद निवासी सुखदेव, मगनाराम, जगदीश, जेनाराम, सहदेव रेवाड़ की इकलौती बहन है। जिसकी दो बेटियों प्रियंका व स्वाति की मंगलवार को शादी थी। दोपहर को भात  का कार्यक्रम था तो भाई व परिवार ने लाडनूं पहुंचकर भात भरा। मायरा भरने  के बाद जब रुपयों को गिना गया तो वह राशि 51 लाख 11 हजार पाई गई। जबकि सोने के गहने 25 तौला व चांदी के गहने करीब एक किलो के होना सामने आया। जिसे देख- सुन हर कोई अचरज में पड़ गया। जल्द ही इस अनूठे भात की चर्चा जिलेभर फैल गई।

 

खेती करते हैं भाई, कहा, 30 साल में जोड़ी रकम
भात भरने आए भाइयों ने बताया कि उनका कारोबार खेती ही है। पिता से मिली 200 बीघा जमीन ही उनकी आय का साधन है। पांच भाइयों में सीता इकलौती बहन है। जिसे कम उम्र में ही पिता की मौत के बाद सब भाइयों ने ही लाड़ प्यार से पाला था। सीता की शादी के बाद उसका  अच्छा भात भरना सभी भाइयों का सपना था। इसके लिए सबने 30 साल से रुपए इक_ा करना शुरू कर दिया था। जिसकी बदौलत ही मंगलवार को इतने बड़े भात का  सपना साकार हो सका।

चार भाइयों ने भरा भात, कहा- बड़े भाई की पूरी हुई अंतिम इच्छा
सीता के पांच भाइयों में बड़े भाई सुखदेव की तीन साल पहले मौत हो चुकी है। ऐसे में बाकी चार भाइयों  मगनाराम, जगदीश, जेनाराम व सहदेव ने बहन को भात की चुनरी पहनाई। उन्होंने बताया कि बड़े भाई सुखदेव  सीता का अच्छा भात भरने के लिए हमेशा चिंतित रहते थे। ऐसे में उनकी मृत्यु के बाद सीता के आलीशान भात को ही भाइयों ने अंतिम इच्छा मान लिया। जिसे पूरा करने  में पूरा परिवार शिद्दत से जुट गया। उन्होंने कहा कि भात भरने के बाद यह सुकून है कि बड़े भाई की अंतिम इच्छा पूरी हो गई।