सार

यह मामला जोधपुर जिले का है। जहां पर एक बुजुर्ग का 9 माह पहले ही निधन हो चुका था। लेकिन उसके मोबाइल पर दूसरी डोज के सफल वैक्सीनेशन का मैसेज आया। मृत बुजुर्ग के परिजनों जब यह मैसेज देखा तो वह हैरान रह गए। 

जयपुर (राजस्थान). कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा है। जहां हेल्थ टीम घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगा रही है। इस दौरान राजस्थान के जोधपुर से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बुजुर्ग की मौत होने के बाद उसके मोबाइल पर दूसरी डोज लगने का मैसेज आया। इतना ही नहीं प्रमाणपत्र भी बना डाला।

मौत के 9 माह पहले लगी वैक्सीन
दरअसल, यह मामला जोधपुर जिले का है। जहां पर एक बुजुर्ग का 9 माह पहले ही निधन हो चुका था। लेकिन उसके मोबाइल पर दूसरी डोज के सफल वैक्सीनेशन का मैसेज आया। मृत बुजुर्ग के परिजनों जब यह मैसेज देखा तो वह हैरान रह गए। परिवार के लोगों ने बताया कि  बुजुर्ग की 14 मार्च, 2021 को मौत हो चुकी है। जबकि वैक्सीनेशन का मैसेज 17 दिसंबर को आया।

मृतक के बेटे ने खुद बयां की फर्जीवाड़े की कहानी
बता दें कि मृतक बुर्जुग के बेटे मनोज बोहरा ने मीडिया को बताया कि 17 दिसंबर को पिता जी के मोबाइल पर मैसेज आया कि बधाई हो, आपको दोनों डोज लग चुके हैं। आप अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लीजिए। मनोज ने बताया कि मेरे पिताजी का निधन 14 मार्च को हो चुका है और 17 दिसंबर को मैसेज आया है। मनोज ने कहा कि इस तरह की लापरवाही रोकना चाहिए। अगर इसी तरह फर्जीवाड़े से वैक्सीन लग रही हैं तो वह बहुत ही गलत है।

यहां तो लापरवाही की भी हद हुई पार
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की हद तो तब हो गई, जब इस फर्जी सर्टिफिकेट में टीका लगाने वाली नर्स का नाम भी उषा कंवर लिखा हुआ था। इतना ही नहीं टीकाकरण लगाने वाले सेंटर का नाम भी जोधपुर के वार्ड नंबर 5 लिखा हुआ था।