सार
बंद होकर चालू हुए स्कूल में नामांकन बढ़ाने के लिए प्रिंसिपल ने स्टॉफ के साथ स्कूल को ऐसा लुक दिया कि बच्चों के साथ अब विदेशी टूरिस्ट को भी आकर्षित कर रहा है यह स्कूल। आस-पास के
बच्चों ने भी लिया यहां एडमीशन
धौलपुर.देश में प्राइवेट स्कूलों की संख्या में जिस तरह की तेजी हो रही है उससे सभी हैरान है इस तरह से रोज नए स्कूल खुलने से इनमे कॉम्पटीशन भी बढ़ रहा है जिसके कारण स्कूल फीस भी उतनी ही ज्यादा हो रही है। ऐसी स्थिति में सरकारी स्कूलों की छवि धीरे-धीरे बदल रही है।क्योंकि इनकी फीस कम होने के साथ ये सरकारी स्कूल बेहतर सुविधा प्रदान कर रहे है। ऐसे ही सरकारी स्कूलों को बच्चों के लिए उपयोगी बनाने के कई प्रयास राजस्थान में भी चल रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य के धौलपुर के एक सरकारी स्कूल नाम आता है बंद होने के बाद फिर से खुले स्कूल की अब सूरत ऐसी बदल दी गई है कि न सिर्फ बच्चे बल्कि विदेशी मेहमान भी देखने को आ रहे है।
बंद हुए स्कूल को ज्ञापन देकर खुलवाया
स्कूल में लगातार कम होते छात्रों के कारण जब सिर्फ 30 छात्र बचे तो सरकार ने अन्य सरकारी स्कूल से मिलाने के बाद वर्ष 2014 में इसे बंद कर दिया था। सरकार के इस फैसलें से ग्रामीणों में काफी गुस्सा बढ़ गया और लोगों ने सरकार को रोज ज्ञापन भेजकर स्कूल फिर से शुरू करने की मांग की। ग्रामीण ऐसा लगातार 3 महीने तक करते रहे। ग्रामीणों की मांग पर सरकार ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय फिर से खोलने की अनुमति दे दी।
स्कूल को इंडियन रेलवे के साथ महलों का लुक दिया
स्कूल फिर से शुरू होने के बाद बच्चों के नामांकन बढ़ाने और पैरेंटस का ध्यान स्कूल की तरफ खींचने के लिए हेड मास्टर राजेश शर्मा ने स्टाफ के साथ मिलकर सबसे पहले स्कूल का लुक भारतीय रेल के डिब्बों जैसा कर दिया। रेल के डिब्बों का लुक देने में 70 हजार रुपए का खर्च आया जो हेड मास्टर ने अपनी सैलरी से दिया। इसके अलावा जयपुर शहर की बिल्डिंगों जैसा हेरिटेज लुक देने में जो भी खर्च आया उसे ग्रामीणों, सरकारी ग्रांट और स्टाफ के द्वारा मिले फंड की मदद से पूरा किया गया। इसमें लगभग 52 हजार रुपए का खर्चा हुआ।
भारतीय रेल और हेरिटेज लुक में नजर आने वाले राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय शेरपुर की चर्चा देश ही नहीं विदेशों तक है। स्कूल की व्यवस्थाओं को देखने के लिए कुछ दिन पहले विदेशी नागरिक और आगरा टूरिज्म के अधिकारियों ने दौरा किया। वे स्कूल के लुक, सुविधाओं और बेहतर संचालन से इतने प्रभावित हुए कि जल्द ही विदेशी मेहमानों के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल को स्कूल का दौरा करायाकराने का निर्णय ले लिया ।
बच्चों के लिए ये सुविधाएं
लाइब्रेरी, छोटे बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों की तरह कुर्सी-टेबल, झूले, खिलौने, खेलने के सामान आदि के साथ बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर लगवाया है। स्कूल का लुक बदल जाने के बाद स्कूल में एनरोलमेंट कराने का सिलसिला बढ़ गया है और अभी तक 400 से भी अधिक बच्चों का नामांकन हो चुका है। स्कूल में बढ़ते नामांकन के बाद सरकार ने इस वर्ष इसे क्लास 5वीं से बढ़ाकर 8वीं तक कर दिया है। इतना आकर्षक लुक के बाद शेरपुर के साथ आसपास के गांव के बच्चे भी यहां पढ़ने आने लगे है।