सार

 राजस्व ग्राम का नाम 2018 में बदलकर हुआ था महेश नगर, इसके बाद पूरे गांव की मांग और शासन की लंबी प्रक्रिया से बदला स्टेशन का भी नाम मिया का बाड़ा से बदलकर हुआ महेश नगर स्टेशन। हालांकि नाम बदलने के बाद भी अभी भी सुविधाएं वही अब गांव के लोग सुविधाओं को बढ़ाने  की मांग कर रहे है।


जोधपुर.प्रदेश सरकार ने साल 2018 में गांव का नाम बदलकर महेश नगर कर दिया था लेकिन स्टेशन का नाम अभी तक मिया का बाड़ा ही था। शहर के उत्तर पश्चिमी रेलवे लूणी समदडी रेलखंड में स्थित इस स्टेशन का आज नाम बदल दिया गया। इस स्टेशन का नया नाम महेशनगर किया गया है।

केन्द्रीय जलशक्ति ने किया नाम का अनावरण
गांव वालों की  मांग व शासन की लंबी प्रक्रिया के बाद रेलवे ने इसके नाम बदलने के  आदेश जारी किए थे। जिसके तहत आज केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, डीआरएम गीतिका पांडे ने नए स्टेशन की नेम प्लेट का अनावरण किया। शेखावत ने कहा कि पूरे गांव की मांग थी जो आज पूरी हो गई है। इसके लिए लंबी प्रक्रिया पूरी की गई। इससे ग्रामीण खुश है। 


वसुंधरा सरकार में गांव का नाम बदला पर स्टेशन का वहीं नाम रहा

जोधपुर से करीब सत्तर किमी दूर बाडमेर जिले में स्थित इस रेलवे स्टेशन से जुडे़ राजस्व ग्राम का नाम मियों का बाड़ा से बदल कर महेशनगर पुरानी वसुंधरा सरकार के समय हुआ था। लेकिन रेलवे स्टेशन का नाम नहीं बदला। इसको लेकर लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में एक बडा शिव मंदिर है। इसके चलते ही महेश नगर के नाम से पहचाना जाता रहा है। लेकिन सरकार ने गांव का नाम मियां का बाड़ा कर दिया था। राजस्व नाम बदलने के बाद से लोगों ने रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए मुहिम चलाई जिसका असर अब सामने आया। रेलवे ने हाल ही में स्टेशन के नए नाम को मंजूरी दी थी। जिसके बाद आज अधिकारिक रूप से इसका नाम बदला गया। 


अब सुविधाएं बढ़ाने की मांग
हालांकि इस स्टेशन का नाम बदल दिया गया है लेकिन यह स्टेशन अभी भी हॉल्ट के रूप में ही है। हॉल्ट होने के कारण यहां सुविधाएं बहुत कम है। अब यहां सुविधाएं बढ़ाने को लेकर भी लोगों की मांग सरकार से होने लगी है।