सार

 यह दुखद मामला रविवार को जालोर जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र के रोड़ा गांव के पास घटी। जहां  45 डिग्री की तेज धूप में पानी नहीं मिलने से अंजली नाम की बच्ची की मौत हो गई। वहीं मासूम की नानी सुखी देवी भी पानी नहीं मिलने से बेसुध हालत में बीच सड़क पर पड़ी मिली। 

जालोर (राजस्थान). भीषण गर्मी शुरू होते ही देश के कई हिस्सों में जल संकट गहराने लगता है। जिसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान में देखने को मिलता है। प्रदेश के जालोर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है जो सोचने पर मजबूर करती है। यहां एक 5 साल की एक मासूम बच्ची की पानी नहीं मिलने की वजह से मौत हो गई। वह पानी की एक बूंद के लिए तरसती रही, लेकिन उसे एक बूंद भी नसीब नहीं हुई। आखिर में वह प्यास से तड़पते हुए दम तोड़ गई।

नातिन की मौत तो पास बेसुध पड़ी थी नानी
दरअसल, यह दुखद मामला रविवार को जालोर जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र के रोड़ा गांव के पास घटी। जहां  45 डिग्री की तेज धूप में पानी नहीं मिलने से अंजली नाम की बच्ची की मौत हो गई। वहीं मासूम की नानी सुखी देवी भी पानी नहीं मिलने से बेसुध हालत में बीच सड़क पर पड़ी मिली। पुलिस ने सूचना मिलने पर बुजुर्ग महिला को स्थानीय अस्पताल में एडमिट कर दिया है।

 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलती रही मासूम
बता दें कि बुजुर्ग महिला अपनी नातिन अंजलि के साथ सिरोही के पास रायपुर से अपने गांव डूंगरी आ रही थी। कोरोना की वजह से कोई बस नहीं चलने की वजह से दोनों तपती दुपहरी और भीषण गर्मी में पैदल ही चल पड़े। रास्ते में उन्हें कोई वाहन नहीं मिला, जिसमें वह सवार होतीं। करीब करीब 20 से 25 किलोमीटर का सफर तय करने  के बाद दोनों थक गई और प्यास लगने लगी। लेकिन दूर-दूर तक उन्हें पानी पीने को नहीं मिला।

मासूम बच्ची ने प्यास से तड़पती रही
रेतीले धोरों में दोनों पानी की आस में पैदल चलती गईं, लेकिन उन्हों एक बूंद भी नसीब नहीं हुई। वह प्यास से बेहाल हो गईं, मासूम बच्ची ने प्यास से तड़पते हुए दम तोड़ दिया। वहीं सुखी देवी बेहोश होकर गिर गईं।कोरोना काल और गर्मी का मौसम होने के कारण काफी देर से कोई उधर से गुजरा भी नहीं तो लोगों को घटना की जानकारी भी नहीं मिल पाई। जब जानकारी मिली तब तक बहुत देर हो चुकी थी।