सार

बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी शामिल हुई थीं। इस दौरान वसुंधरा राजे ने बेटे दुष्यंत के घर पर हुए हमले को लेकर पार्टी के नेताओं पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद विधायक दल बैठक का माहौल काफी गरमा गया। फिर राजे स्टेज पर सबसे किनारे की कुर्सी पर बैठी रहीं, उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया। वह बिना कुछ बोले ही धरना खत्म होने से पहले ही वहां से चली गईं।
 

जयपुर. राजस्थान में बुधवार यानि आज से विधानसभा का सत्र शुरू हो गया है। जहां विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के पास सत्तधारी कांग्रेस पार्टी यानि गहलोत सरकार को घेरने के लिए रीट परीक्षा जैसे कई मुद्दे हैं। लेकिन भाजपा को इस बीच आपसी कलह से नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि उसके अंदर एक बार फिर अंदरूनी झगड़ा फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भाजपा विधायक दल की बैठक में अपनी ही पार्टी के नेताओं पर जमकर निशाना साधा।

वसुंधरा राजे ने अपनी ही पार्टी पर खड़े किए सवाल
दरअसल, मंगलवार शाम बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी शामिल हुई थीं। इस दौरान वसुंधरा राजे ने बेटे दुष्यंत के घर पर हुए हमले को लेकर पार्टी के नेताओं पर जमकर निशाना साधा। पहले बात बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की गाड़ी को लेकर सरकार को घेरने की चर्चा चल रही थी। लेकिन इसी बीच वसुंधरा ने सांसद दुष्यंत सिंह के दफ्तर पर हुए हमले का मुद्दा उठाते हुए अपनी पार्टी पर ही सवाल खड़े करना शुरू कर दिया।

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राजे के बेटे का मुद्दा बैठक में गरमाया
बता दें कि हाल ही में वसुंधरा राजे के बेटे और बारां-झालावाड़ से चार बार के सांसद दुष्यंत सिंह के दफ्तर और घर पर जिला परिषद चुनावों में बीजेपी की हार के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही हमला किया था। इसी बात पर वसुंधरा ने अपनी पार्टी के नेताओं की कार्यशैली और उनके स्टैंड पर सवालिया निशान लगाए। उन्होंने कहा-मेरे बेटे के घर पर पत्थरबाजी की गई, लेकिन पार्टी के नेता इस घटना पर मौन बने रहे। पार्टी को बताना चाहिए कि आखिर उन्होंने इस पर एक्शन क्यों नहीं लिया। 

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स्टेज से बिना कुछ बोले बीच में ही चली गईं वसुंधरा
बताया जाता है कि इस तीखी नोक-झोंक के बाद राजे के बेटे का मुद्दा उठाने के बाद बैठक का माहौल काफी गरमा गया। विधायक दल की बैठक के बाद बीजपी नेता रीट पेपर लीक मामले को लेकर धरना देने के लिए पहुंचे। जहां अध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष के भाषण के बाद राजे को भाषण देने के लिए बुलाया गया। लेकिन वसुंधरा यहां स्टेज पर सबसे किनारे की कुर्सी पर बैठी रहीं, उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया। वह बिना कुछ बोले ही धरना खत्म होने से पहले ही वहां से चली गईं।

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