सार
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में 20 रुपए किलो बिकने वाला नमक 100 रुपए किलो बिक रहा है। क्योंकि अफवाह फैली हुई है कि नमक के पानी को ओआरएस की तरह पीने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है। संक्रमित शव पर नमक डालकर अंतिम संस्कार किया जाए तो संक्रमण नहीं फैलेगा।
जयपुर. राजस्थान में कोरोना वायरस के बाद अब ब्लैक फंगस ज्यादा कहर बरपा रही है। जिसने प्रशासन और राज्य सरकारी नींद उड़ाकर रखी हुई है। इसी बीच प्रदेश में तेजी से नमक के दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसके चलते 18 से 20 रुपए में मिलने वाला एक किलो नमक अब 100 रुपए में मिल रहा है।
शव पर नमक छिड़कर हो रहा अंतिम संस्कार
दरअसल, अफवाह फैली हुई है कि नमक के पानी को ओआरएस की तरह पीने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है। साथ ही वायरस से मरने वाले व्यक्ति का अगर नमक डालकर अंतिम संस्कार किया जाए तो संक्रमण नहीं फैलेगा। प्रदेश के कई गांवों में यह अफवाह जोरों से फैल रही है।
'रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है नमक'
कई गांवों के लोगों का कहना है कि नमक का उपयोग करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिसे ओआरएस की तरह बिना चीनी के नमक का घोल पीने से कोरोना संक्रमण नहीं होता है। जिसके चलते उदयपुर के मोहनपुरा, मंगाल और आसपास की ढाणियों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नमक 100-100 किलो लाइन में लगकर बेचा जा रहा है।
ऐसे बढ़े कई गांवों में नमक के दाम
बता दें कि अप्रैल के पहले हफ्ते में गांवो में कोरोना संक्रमण नहीं फैला हुआ था। लेकिन महीने के आखिरी सप्ताह में शहरों में जब मौतें ज्यादा होने लगीं तो शव गांव भेजे जाने लगे। हालांकि शव को पीपीई किट या प्लास्टिक में पैक किया जाता था। लेकिन जब गांवों में अंतिम संस्कार के लिए शव निकालते तो पीपीई किट और प्लास्टिक फट जाती। जिसके चलते गांव में तेजी से संक्रमण फैलने लगा। क्योंकि कोविड प्रोटेकॉल के तहत अंतिम संस्कार नहीं किया जाता था। बस इसी बीच ग्रामीण क्षेत्रों में अजीब अफवाह फैली कि मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार नमक के साथ किया जाए तो कोरोना नहीं फैलता है। इसी के चलते नमक को खरीदने की लोगों में होड़ मच गई और उसके दाम बढ़ गए।