सार
देश की दूसरी सबसे सुरक्षित जेल में तस्करी का अनोखा केस सामने आया है जहां दो कैदी अपने पेट में गुटखे के पैकेट छुपा के लाए जिनकी जांच के लिए दोनो की सोनोग्राफी करानी पड़ गई। अब दोनो के उपर बैन सामान ले जाने का केस दर्ज होगा।
जोधपुर.देश की दूसरी सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जोधपुर जेल से बड़ी खबर सामने आई है।जहां जेल में बंद दो कैदियों को गिरफ्तार किया गया है। जेल अफसरों ने दोनो बंदियों के खिलाफ नजदीकी थाने में केस दर्ज कराया है। जेल में दोनो ने गुटखे की ऐसी तस्करी की कि दोनो की मेडिकल जांच कराई गई। दोनो के पेट से गुटखे के 77 पाउच बरामद किए गए हैं। जोधपुर की रातानाड़ा पुलिस केस की जांच कर रही है। माना जाता है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल के बाद जोधपुर की सेंट्रल जेल सबसे सुरक्षित मानी जाती है। दोनो जेलों का निर्माण अग्रेजों के समय किया गया था।
वर्क शॉप वापस लौटे तो चाल बदली दिखी. डॉक्टर्स को बुलाया गया
रातानाड़ा थाना प्रभारी भरत रावत ने बताया कि कारागृह की उद्योग शाला में काम करने के बाद जब बंदी मुख्य कारागृह में वापस जा रहे थे उस समय वहां मौजूद प्रहरियों को बंदी रमेश चौधरी, पदमाराम मेघवाल और राजू उर्फ राजेंद्र रावल के चलने पर थोड़ा शक हुआ तो उनसे पूछताछ की गई लेकिन तीनों कुछ नहीं बोले । उसके बाद उन्हें जेल की डिस्पेंसरी ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उनकी पेट की सोनोग्राफी की तो उनके पेट में कुछ पैकेट नजर आए ।
टॉयलेट में ले गए तो निकले गुटखे के पाउच
जेल अफसरों ने बताया कि जेल में इस तरह का यह पहला ही केस सामने आया है कि जब इतने गंभीर तरीके से किसी वस्तु को छुपाया गया है। तीनों को टॉयलेट में लेकर जाया गया और उसकी जांच की तो गुटखे निकले। रमेश के शरीर से 4 पैकेट में 25 रजनीगंधा के पाउच पदमाराम के शरीर में पांच पैकेट में 28 एवं राजेंद्र के शरीर में पांच पैकेट में 24 रजनीगंधा के पाउच निकले हैं। दोनों के खिलाफ जेल में बैन वस्तुएं ले जाने का प्रयास करने का मामला दर्ज करवाया गया है।