सार

यश्विनी ने कुलदीप की तस्वीर को सीने से लगाए रखा था। वह पार्थिव देह को बस एकटक से देख रहीं थी। सास आई तो यश्विनी सीने से लिपटकर बिलख-बिलखकर रो पड़ी। किसी तरह सास ने उन्हें संभाला। काफी देर तक यश्विनी शांत खड़ी रहीं और बस वह कुलदीप के पार्थिव देह को ही देखे जा रहीं थी।

झुंझुनू (राजस्थान) : तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद राजस्थान (Rajasthan) के झुंझुनूं जिले के स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह (squadron leader kuldeep singh rao) शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। इस वीर सपूत का अंतिम संस्कार पैतृक गांव घरड़ाना में हुआ। जिसकी सारी रस्में शहीद की पत्नी यश्विनी ने निभाईं। 
इस दौरान वीर को नमन करने सड़कें लोगों से पट गईं। शहीद के सम्मान में लोगों ने तिरंगा लहराया, कुलदीप अमर रहे, जय हिंद के नारे लगे लेकिन वहां मौजूद लोगों का कलेजा उस वक्त चित्कार उठा जब शहीद की पत्नी ने चीखते हुए बोली - कुलदीप I LOVE YOU.. इस चीख के बाद वहां कुछ देर के लिए खामोशी फैली गई और सभी की आंखों में आंसू भर गए। 

तस्वीर सीने से लगाया, एकटक देखती रही
कुलदीप की पार्थिव देह जैसे ही गांव पहुंचा, पूरा गांव नारों से गूंज उठा। पत्नी यश्विनी और कुलदीप की बहन दिल्ली से पार्थिव देह के साथ आई थीं। यश्विनी ने कुलदीप की तस्वीर को सीने से लगाए रखा था। वह पार्थिव देह को बस एकटक से देख रहीं थी। सास आई तो यश्विनी सीने से लिपटकर बिलख-बिलखकर रो पड़ी। किसी तरह सास ने उन्हें संभाला। काफी देर तक यश्विनी शांत खड़ी रहीं और बस वह कुलदीप के पार्थिव देह को ही देखे जा रही थीं। लेकिन जैसे ही चिता को मुखाग्नि दी गई, वहां मौजूद सभी लोग जय हिंद के नारे लगाने लगे। यश्विनी भी शहीद पति को सैल्यूट करते हुए नारे लगा रही थी, कि अचानक वह चीख पड़ी, चीखते हुए यश्विनी बोली- कुलदीप I LOVE YOU. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। यश्विनी की इस चीख ने मानों सभी को अंदर से झकझोर दिया। वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह उन्हें संभाला।

मां ने तस्वीर को चूमा, बोलीं - मेरा बेटा सबसे अलग था
बेटे की अंतिम विदाई में मां भी मौजूद रहीं। उनकी आंखें नम थीं। वह बहू को संभाल रही थी, लेकिन उनकी ममता बार-बार उनके चेहरे पर उभर आ रही थी। वह कभी बेटे की तस्वीर को चूमती तो कभी बहू को संभालती, उन्हें ढांढस बंधाती। आंखों में आंसू भरे थे, लेकिन देश के लिए बेटे के फर्ज का अहसास भी था। मां लोगों के साथ लगातार जय हिंद के नारे लगा रहीं थी। इस दौरान कुलदीप की बहन मां और बाप को हिम्मत दे रही थीं। घर से जब कुलदीप का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तो बेटी ने अपने पिता को संभाला। वे पूरे रास्ते अपने पिता का हाथ थामे चलती रहीं।

अंतिम विदाई में पट गए रास्ते
विग कमांडर कुलदीप सिंह के पैतृक गांव में उनके अंतिम दर्शन और इस शव यात्रा में हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ा था। दूर-दूर तक लोग ही लोग नजर आ रहे थे, पार्थिव शरीर के साथ कई किलोमीटर लंबा काफिला था। गांव में जहां महिलाएं अपने वीर सपूत को छत पर खड़े होकर नम आखों से सलाम कर रही थीं, तो युवा अपने इस हीरो की याद में जह हिंद और कुलदीप अमर रहे के नारे लग रहे थे। तो बच्चे हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जयघोष कर रहे थे। गांव से अंतिम यात्रा गुजरी तो लोगों ने फूल बरसाए। छतों पर खड़े लोग अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए इंताजर कर रहे थे। हालात ये थे वहां पैर रखने की जगह नहीं थी। गांव के चौक में शहीद कुलदीप सिंह का अंतिम संस्कार किया गया।

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