सार

राजस्थान की दो ऐसी घटनाएं जिन्होने ये सोचने पर किया मजबूर की ऐसी औलादे क्यो पाली। एक ने पसंद की शादी न कराने पर दी मौत तो। तो वहीं दूसरे मामले में जो जमीन उनको ही मिलती उसके लिए ही की पिता की हत्या। एक कल हुआ अरेस्ट तो एक को सोमवार 11 जुलाई को भेजा जेल।

जयपुर. राजस्थान में अपने माता-पिता की हत्या करने के दो मामले सामने आए है, जिनमें कार्यवाही करते हुए पुलिस ने दोनों केसोंके आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। हैरानी की बात यह है कि इनमें एक केस में तो पिता की हत्या करने के बाद आरोपी पुलिस की मदद कर रहा था कातिल की तलाश करने  में। बेटे पाने की चाह में माता पिता कितने जतन करते हैं, लेकिन उसके बाद  भी अगर ऐसे बेटे हों तो ऐसे बेटों से तो बे औलाद ही रह जाए तो वही अच्छा है। इन दोनो बेटों के माता पिता ने भी बेटा होने के बाद खुशियां मनाई होगी, मिठाई बांटी होगी और जश्न मनाया होगा। लेकिन क्या पता था बुढापे में जब बेटों से सेवा कराने का समय आएगा तो ये बेटे सेवा करने की जगह जान ही ले लेंगे...। एक घटना हनुमानगढ़ जिले की है और दूसरी घटना बांरा जिले की है। 

पहला केस- हनुमानगढ़ जिलाः मां ने पसंद की लड़की से ब्याह नहीं कराया तो, उसको नहर में फेंक दिया
हनुमानगढ़ जिले में रहने वाले दुष्ट बेटे ने अपनी मां की जान अपने हाथ से ले ली। उसने मां को नहर में धक्का मार दिया और खुद खड़ा खड़ा मां की मौत का तमाशा देखता रहा। मां चीखती - चिल्लाती पानी में संमा गई। पुलिस ने शव निकाला, जांच पड़ताल की और बाद में हत्या के आरोप में बेटे को धर लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

हनुमानगढ़  जिले की जंक्शन थाना पुलिस ने बताया कि जसविंदर कौर के पति ने पुलिस को यह जानकारी दी थी कि उसकी पत्नी लापता है। मिल नहीं रही है। वह ट्रक चालक था। घर में पत्नी जसविंदर और बेटा सोनू उर्फ हरदीप सिंह रहते थे। हरदीप नशे का आदी था और दूसरी जात की लड़की से शादी करना चाहता था। मां ने इंकार कर दिया तो 4 जुलाई को उसने अपने दोस्त के जाने की कहकर मां को भी अपने साथ ले लिया। बाइक पर बैठकर वह नहर तक पहुंचा ओर वहां पर अपने दोस्त को भी बुला लिया। मां ने दोस्त से पूछा कि उसने उसे क्यों बुलाया है। इस बातचीत के दौरान बेटे ने मां को नहर में धक्का दे दिया और फिर दोनो दोस्त वहां से चले गए। ट्रक चालक पति जब वापस लौटा और पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने जांच पडताल कीं। इस दौरान सोनू पर शक हुआ तो उसे सख्ती से पूछताछ की। उसने हत्या करना कबूल कर लिया। उसे और उसके साथी बादल सिंह को पकड़ लिया। उन्हें सोमवार 10 जुलाई को जेल भेज दिया गया है। 

 दूसरा केस- बारां जिलाः जमीन जल्दी चाहिए थी, इसलिए की हत्या,बाद में पुलिस की मदद भी करता रहा
बांरा जिले में भी एक हत्याकांड सामने आया हैं। बांरा पुलिस जिसे ब्लाइंड मर्डर मान रही थी उसका राज खुल ही गया। मृतक के बेटे को ही हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे सोमवार को जेल भेज दिया गया है।

जांच कर रही छबड़ा थाना पुलिस ने बताया कि खेरखेड़ा गांव निवासी कन्हैया लाल की हत्या 29 जून को कर दी गई थी। चारपाई पर सो रहे कन्हैया को सरियों से इतना पीटा गया था कि उसकी जान चली गई। पिता की हत्या करने के बाद बेटा हेमराज अपने कमरे में जाकर सो गया। सवेरे पिता की मौत का नाटक कर लिया और पुलिस बुला ली। पुलिस इसे ब्लांइड मर्डर मान रही थी। इस बीच पिता की अस्थियां गंगा में बहा दी। बेटा पुलिस के पीछे पडा रहा कि हत्यारों को जल्द पकडा जाए। तीन दिन पहले एक पुलिसकर्मी को उस पर शक हुआ तो उसने सख्ती से पूछताछ की। हेमराज मीणा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। कल शाम उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसने बताया कि गांव की जमीन उसे जल्दी चाहिए थी, पिता दे नहीं रहा था तो मार दिया।

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