सार
तेजा सेना के साथ आरएलपी ने आज सीकर आई प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत का सर्किट हाउस में घेराव कर मंदिर कमेटी के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक कमेटी भंग करने की मांग कर रहे हैं। 8 अगस्त को यहां 3 लोगों की मौत हो गई थी।
सीकर. राजस्थान की प्रसिद्ध तीर्थ नगरी खाटूश्यामजी में भगदड़ में मौत का मामले में राजनीतिक तूल बढ़ता जा रहा है। मामले में कांग्रेस विधायक चौधरी विरेन्द्र सिंह द्वारा मंदिर कमेटी के खिलाफ खाटूश्यामजी में बाजार बंद करवाकर प्रदर्शन करने के बाद उनकी ही सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और राजेन्द्र सिंह गुढा मंदिर कमेटी के समर्थन में खाटूश्यामजी पहुंच चुके हैं। वहीं, अब हनुमान बेनिवाल की पार्टी आरएलपी भी मैदान में कूद पड़ी है।
कमेटी के खिलाफ प्रदर्शन
तेजा सेना के साथ आरएलपी ने आज सीकर आई प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत का सर्किट हाउस में घेराव कर मंदिर कमेटी के खिलाफ प्रदर्शन किया। एकादशी के मेले में मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए कमेटी को बर्खास्त कर खाटूश्यामजी मंदिर को देवस्थान विभाग के अधीन करने की मांग की। मंदिर कमेटी का समर्थन करने वाले मंत्री खाचरियावास व गुढा के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए। करीब एक घंटे तक धरना देकर सर्किट हाउस का घेराव करने के बाद मंत्री रावत प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंची। जहां उनका ज्ञापन लेने के बाद उन्होंने खाटूश्यामजी दुखांतिका की निष्पक्ष जांच करवाने व दोषी पाए जाने पर मंदिर कमेटी को बर्खास्त कर मंदिर देव स्थान विभाग को सौंपने का आश्वासन दिया।
नकद चढ़ावा बंद करने की मांग
आरएलपी व वीर तेजा सेना ने इस दौरान खाटूश्यामजी मंदिर में नगद चढ़ावा बंद करने की मांग भी की। जिलाध्यक्ष महेन्द्र डोरवाल का कहना था कि भारी भरकम चढ़ावे की वजह से ही मंदिर में लूट और अव्यवस्था का माहौल है। ऐसे में नगद चढ़ावा बंद कर मंदिर कमेटी को देव स्थान विभाग के अधीन किया जाए।
एकादशी पर तीन महिलाओं की हुई थी मौत
बता दें कि खाटूश्यामजी में आठ अगस्त को एकादशी के मेले के दौरान अल सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही दर्शनों की होड़ में श्रद्धालुओं की भीड़ में भगदड़ मच गई थी। जिसके बीच दबने से हरियाणा की हिसार जिला निवासी शांति पत्नी प्रीतम, उत्तरप्रदेश की हाथरस निवासी माया देवी पत्नी किशन सिंह तथा राजधानी जयपुर की मानसरोवर कॉलोनी निवासी कृपा देवी पत्नी रघुवीर सिंह की दर्दनाक मौत हो गई थी। हादसे में चार अन्य श्रद्धालु भी घायल हो गए थे। घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने संभागीय आयुक्त को जांच सौंपी थी। वहीं मामले में अब तक चार अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। जिनमें एसडीएम राजेश कुमार मीणा, रींगस सीओ सुरेन्द्र सिंह, तहसीलदार विपुल चौधरी व खाटूश्यामजी थानाधिकारी रिया चौधरी शामिल हैं।
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