सार

इसे कुछ लोग पागलपन कहेंगे, तो कुछ एक पिता की तकलीफ। बेटे के हत्यारे को पकड़वाने की उम्मीद में पिता उसके कंकाल को 21 महीने से संभालकर रखे हुए है। मामला सिरोही जिले के आबू रोड का है। युवक 27 अगस्त 2018 को घर से निकला था। लेकिन फिर वापस नहीं लौटा। 5 सितंबर 2018 को उसकी सड़ी-गली लाश मिली थी। पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद केस बंद कर दिया। माना गया कि युवक की मौत सामान्य घटना थी।


आबू रोड/बनासकांठ, राजस्थान. तस्वीर में दिखाई दे रहा यह शख्स जिस सामान को पोटली में संभालके रखे हुए है, वो कोई सामान्य चीज नहीं है। यह है नर कंकाल। इसे कुछ लोग पागलपन कहेंगे, तो कुछ एक पिता की तकलीफ। बेटे के हत्यारे को पकड़वाने की उम्मीद में पिता उसके कंकाल को 21 महीने से संभालकर रखे हुए है। मामला आबू रोड से सटे गुजरात के एक गांव का है। युवक 27 अगस्त 2018 को घर से निकला था। लेकिन फिर वापस नहीं लौटा। 5 सितंबर 2018 को उसकी सड़ी-गली लाश मिली थी। पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद केस बंद कर दिया। माना गया कि युवक की मौत सामान्य घटना थी। लेकिन पिता ने ठान रखा है कि जब तक बेटे के हत्यारे को सजा नहीं दिलवाता, अंतिम संस्कार नहीं करेगा। पुलिस और दूसरे लोग कई बार उसे समझा चुके हैं, लेकिन वो नहीं मानता।

टॉयलेट में बोरी में भरकर रखता है कंकाल..
यह हैं हगराभाई। ये सिरोही जिले के आबूरोड से सटे गुजरात के बनासकांठ जिले के जामरू गांव में रहते हैं। इन्होंने बेटे के कंकाल को टॉयलेट में एक बोरी में बंद करके रखा हुआ है। हगराभाई को कुछ लोगों पर शक था। उन्होंने पुलिस में उनके नाम भी लिए थे। पुलिस ने जांच की लेकिन किसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। लिहाजा केस बंद कर दिया गया। हगराभाई रोज कुछ देर के लिए कंकाल को निकालकर टोकरी में रखते हैं, ताकि हवा लग जाए। इसके बाद फिर बोरी में बंद करके रख देते हैं।

पुलिस का तर्क..
हदाड़ के पीएसआई महावीरसिंह जड़ेजा ने बताया कि जब यह केस आया, तब थाने के पीएसआई डीआर पारगी थे। इसके बाद इन्होंने भी केस की पड़ताल की। पीएम रिपोर्ट और एफएसएल जांच में मामला सामान्य मौत का निकला था। बताते हैं कि मृतक नटूभाई अपने चाचा के साथ घर से निकला था। चाचा घर लौट आए, लेकिन वो नहीं लौटा। इसके बाद उसकी लाश एक खेत से मिली थी। उसे जानवरों ने नोंच लिया था। चाचा ने पुलिस को बयान दिया था कि चार लोगों ने खेत में शराब पार्टी की थी। बाकी सब लौट आए, लेकिन नटू खेत पर ही रुक गया था।