सार
राजस्थान में उदयपुर के रहने वाले लोकेश चौधरी जल्द ही इंटरनेशनल पैरा ओलंपिक खेलेंगे। लेकिन उसकी कहानी आपको रूला देगी। एक हादसे में उसके दोनों हाथ कट गए। जीवन जीना मुश्किल था, बेड रेस्ट के बाद लोकेश डिप्रेशन में जाने लगा था। लेकिन अब वो इतिहास रचने जा रहा है।
उदयपुर (राजस्थान). महज आठवीं क्लास में पढ़ने वाले एक बच्चे की यह कहानी आपको रुलाएगी भी और मोटिवेट भी करेगी। आठवीं क्लास में पढ़ने वाला बच्चा अपने दोस्त के घर पर जाता है। छत पर खेलते खेलते अचानक उसका हाथ हाईटेंशन लाइन की चपेट पर आता है। देखते ही देखते पूरे घर में करंट दौड़ जाता है। इसी बीच दूसरा हाथ भी बिजली की डीपी पर पढ़ा तो फाल्ट होता है और आठवीं क्लास में पढ़ने वाला बच्चा अपने दोनों हाथ गंवा बैठता है। इस हादसे के बाद जहां बच्चे का जीवन जीना मुश्किल था वहीं अब यह बच्चा एक इंटरनेशनल खिलाड़ी बन गया है। जो जल्द ही राजस्थान से इंटरनेशनल पैरा ओलंपिक में अपनी जगह बनाएगा।
लोकेश के कई ऑपरेशन हुए...लेकिन नहीं हुए सफल
हम बात कर रहे हैं उदयपुर के रहने वाले लोकेश चौधरी की। जिसके सन 1998 में 8वीं क्लास में पढ़ने के दौरान यह हादसा हुआ। हादसे के बाद लोकेश के कई ऑपरेशन हुए। 3 महीने तक हुए बेड रेस्ट के बाद लोकेश डिप्रेशन में जाने लगा। इसके बाद उनकी मुलाकात एक थानेदार चांदमल से हुई। उन्होंने लोकेश की हिम्मत बढ़ाई और कहा कि एक एनजीओ है जो दिव्यांगों को नौकरी लग जाता है। लोकेश को वहां एनजीओ में जाने पर पता चला कि केवल वही एक ऐसा लड़का है जिसके हाथ नहीं है। बाकी सब के पैरों में दिक्कत है।
इंटरनेशनल पैरा ओलंपिक में खेलेगा लोकेश
इसके बाद राजस्थान में 2016 में पैरा ओलंपिक प्रतियोगिता हुई। इसमें एनजीओ की तरफ से लोकेश ने भी 100 और 200 मीटर रेस में भाग लिया। दोनों ही प्रतियोगिता में लोकेश ने गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद एनजीओ के लोगों ने लोकेश को नेशनल की तैयारी करने के लिए कहा। नेशनल में भी लोकेश का चयन बड़ी आराम से हुआ क्योंकि उनकी कैटेगरी t45 थी। और उनके अलावा इस कैटेगरी में अन्य कोई धावक भी नहीं था। लोकेश रोज करीब 10 किलोमीटर दौड़ लगाते हैं।
होठों से पेन पकड़ करता है लिखाई
लोकेश के भले ही हाथ नहीं हो। लेकिन वह वह हर एक काम कर सकते हैं जो हम कर रहे हैं। लोकेश अपने नाक से मोबाइल चला लेता है। और जो काम हमारे हाथ करते हैं जैसे किसी किताब का पन्ना पलटना लाइट जलाना ब्रश करना यह सभी काम भी लोकेश पैरों से करते हैं। लोकेश होठों से पेन भी पकड़ लेते हैं।