सार

राजस्थान में दलित विद्यार्थियों के साथ भेद भाव के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। अभी जालौर का मामला ठंडा पड़ा नहीं कि शुक्रवार 2 सितंबर के दिन उदयपुर से  फिर शिक्षक द्वारा पीड़िताओं के साथ बदसलूकी करने की वारदात सामने आई है।

उदयुपर. राजस्थान में दलित छात्र छात्राओं के साथ भेदभाव के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जालौर में स्कूल में मटकी से पानी पीने की बात को लेकर जहां 9 साल के दलित छात्र इंद्र मेघवाल की टीचर ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वही ऐसा एक मामला अब उदयपुर जिले से आया है। जहां स्कूल में जब दलित छात्राओं ने खाना परोसा तो स्कूल के कुक ने पूरा खाना ही फिंकवा दिया। मामले में पुलिस ने कुक को गिरफ्तार भी कर लिया है।

मिड डे मील में बना खाना परोसा था
उदयपुर पुलिस ने बताया कि घटना शुक्रवार की है। आरोपी कुक लालू राम गुर्जर मिड डे मील का खाना बनाता है। यह खाना वह अपने मुताबिक ही बच्चों से सर्व करवाता था। लेकिन शुक्रवार को सातवीं और आठवीं क्लास की 2 दलित छात्राओं डिंपल और नीमा ने जब खाना परोसा तो लालूराम नाराज हो गया। जिसने पहले तो दोनों के साथ गाली गलौज की। इसके बाद उन्हें जातिसूचक गालियां दी। लालू राम गुर्जर ने दूसरे बच्चों को कहा कि यह खाना फेंक दो। ऐसे में अपर कास्ट के बच्चों ने वह खाना स्कूल के पीछे मैदान में फेंक दिया। इसके बाद कुक लालूराम ने किचन में गूथे हुए आटे और दाल को भी फेंक दिया। 

दान नहीं देने पर खाना परोसने की जिम्मेदारी ली
दलित छात्राओं ने जब इस बात की सूचना अपने परिवार वालों को दी तो उन्होंने स्कूल आकर प्रिंसिपल से कुक की शिकायत की। वहीं इस मामले में स्कूल प्रिंसिपल शिवलाल का कहना है कि दोनों छात्राओं ने दान ठीक से नहीं देने की बात पर खुद दाल परोसने की स्वीकृति ली थी। इस बात को लेकर स्कूल के सभी बच्चे और कुक गुस्सा हुआ। और पूरा खाना फेंक दिया। वही किचन में जो आटा था उसमें मेंढक गिर गया था ऐसे में वह मैंने ही फेंकने को कहा था। फिलहाल पुलिस आरोपी लालूराम से पूछताछ कर रही है।

पहले भी हो चुकी वारदात
राजस्थान में दलित छात्र छात्राओं के साथ स्कूल में भेदभाव का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जालौर में भी मटकी से पानी पीने की बात को लेकर एक टीचर ने नाबालिग छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जिसका विरोध इतना बढ़ा कि प्रदेश भर में कई दिनों तक में आंदोलन भी हुआ। जालौर का यह मामला अभी तक  गरमाया हुआ है। इस मामले को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने सीबीआई से जांच करवाने की बात भी कही है। पुलिस आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में रोज करीब 100 मामले एससी एसटी के दर्ज होते हैं। हालांकि सभी मामलों में जांच डिप्टी लेवल के अधिकारी ही करते हैं। ऐसे में पुलिस गिरफ्त में भी आरोपी जल्द ही ले लिए जाते हैं।

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