सार

राजस्थान के शहरऔर राज्य की राजधानी  जयपुर में नगर निगम ने 350 से ज्यादा नाली साफ कराने का दावा किया था, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम की पोल पहली ही बारिश में खुली। प्रदेश में बारिश इतनी मेहरबान हुई है कि उससे तालाब और डैम भर गए है, लेकिन उसने लोगों के लिए परेशानी भी खड़ी कर दी है।

जयपुर. इस बार के मानसून में पहली बार ही जयपुर पर मेघ इतने मेहरबान हुए हैं कि जयपुर लबालब हो गया है । लेकिन इस कुछ घंटों की बारिश ने इतनी परेशानी खड़ी कर दी कि लोग परेशान हो गए।  जयपुर शहर में एक नहीं दो मेयर हैं , लेकिन उसके बावजूद भी राजधानी जयपुर के हालात इतने खराब हैं कि 3 घंटे की बारिश ने सब सामने ला दिया।  जयपुर के सीकर रोड पर तो इतनी परेशानी हुई कि चलती बाइक ही गायब हो गई । कुछ घंटों की बारिश में इतना पानी भरा कि बाइक सवार को अपनी बाइक पानी के अंदर से निकालने पड़ गई । उसके बाद उसने बाइक को साइड में किया और टोचन कर कर अपनी गाड़ी लेकर गया। सबसे बुरे हालात सीकर रोड पर बने रहे।  सीकर रोड पर देर रात से लेकर आज सवेरे तक रुक-रुक कर बारिश हुई । इस बारिश के दौरान जो पानी भरा वह करीब 3 घंटे तक भरा ही रहा । धीरे-धीरे यह पानी कम होने लगा और उसके बाद पूरी तरह खत्म हुआ। 

जयपुर में दो नगर निगम फिर भी लचर व्यवस्था
जयपुर शहर में जयपुर शहर हेरिटेज और जयपुर शहर ग्रेटर , दो नगर निगम बनाए गए हैं । दोनों के अलग-अलग मेयर है 250 वार्ड हैं । 250 ही पार्षद है । लेकिन राजनीति के चलते ऐसी स्थिति हुई कि कोई भी वार्ड साफ-सफाई भरा नहीं रह पाया।  हर साल बारिश से पहले नालों को साफ करने के लिए बजट जारी किया जाता है । इस बार भी बजट जारी किया गया ।जयपुर में 350 से ज्यादा बड़े नालों को साफ कराने का दावा भी किया गया,  लेकिन यह दावे पहली ही बारिश ने धोखा दिए। जयपुर शहर के पॉश इलाकों में इतना पानी भरा कि अब लोग परेशान हो रहे हैं कि जब मानसून तेजी पर आएगा तब क्या हालात होंगे ।  जयपुर शहर में मालवीय नगर,  मानसरोवर,  शिप्रा पथ , गुर्जर की थड़ी,  जेलन मार्ग , महेश नगर , 22 गोदाम,  जवाहर नगर , जगतपुरा,  ट्रांसपोर्ट नगर,  वॉल सिटी , आमेर रोड में  पानी भरा कि ड्रेनेज सिस्टम जवाब दे गया।

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