सार
राजस्थान में मानसून एक बार फिर से एक्टिव हो गया है। भारी बारिश के कारण राज्य के कई जिलों की नादियां-नाले उफान पर हैं। गुरुवार को भी प्रदेश में बादल जमकर बरसे। सबसे ज्यादा बारिश बांसवाड़ा में हुई। दो दिनों तक बारिश का अलर्ट है।
जयपुर. राजस्थान में मानसून ने फिर अपनी लय पकड़ ली है। मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर से फिर सामान्य स्थिति में आने से प्रदेश में फिर झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया है। गुरुवार को भी जयपुर, अजमेर, अलवर, चित्तौडगढ़़, श्रीगंगानगर, बारां, जैसलमेर, झालावाड़ व सीकर में अच्छी बारिश हुई। जिससे नदी- नालों में उफान के साथ यहां पहाड़ों पर झरने फूट पड़े। इस बीच मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने शुक्रवार को भी प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई है। जिसका असर आज पश्चिमी राजस्थान में भी रहेगा। मौसम केंद्र के अनुसार आज पूर्वी राजस्थान के अजमेर, भरतपुर, जयपुर, कोटा व उदयपुर संभाग में अनेक स्थानों पर जबकि पश्चिमी राजस्थान बीकानेर और जोधपुर संभागों में कहीं कहीं बारिश होने की संभावना है।जहां 14 जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
यहां होगी बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार शुक्रवार को पूर्वी राजस्थान के अजमेर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़, झालावाड़, प्रतापगढ़, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर तथा पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर और पाली जिले में कहीं-कहीं भारी बरसात जबकि पूर्वी राजस्थान के भीलवाड़ा, बूंदी, जयपुर, सीकर, टोंक तथा पश्चिमी राजस्थान के चूरू में हल्की बरसात हो सकती है। जबकि शनिवार को बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौडगढ़़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, सिरोही व उदयपुर में भारी बरसात के अलावा अजमेर, जयपुर तथा पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर व चूरु में हल्की बारिश संभव है।
बांसवाड़ा में हुई सबसे ज्यादा बारिश
इससे पहले गुरुवार को भी प्रदेश में बादल जमकर बरसे। सबसे ज्यादा बारिश बांसवाड़ा में हुई। जहां कुशलगढ़ में 89 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं, जैसलमेर के पोकरण में 55, बारां में 40, अलवर में 35, जयपुर में 25, अजमेर में 12.4, पिलानी में 12.2, चित्तौडगढ़़ में 19 तथा श्रीगंगानगर में 8.6 मिमी बरसात मौसम विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज हुई। तेज बरसात से निचले इलाकों में पानी भरने के साथ बरसाती नदी व नालों में उफान आ गया। सीकर के गणेश्वर सहित कई इलाकों में पहाड़ों से झरने भी फूटते दिखाई दिये। बरसात से माही बांध का जलस्तर बढ़कर 274 मीटर तक पहुंच गया है।
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