सार

जब कोई इंसान गुस्से में होता है तो उसमें सोचने-समझने की क्षमता नहीं रह जाती। रिलेशनशिप में पार्टनर्स के बीच कभी लड़ाई या मनमुटाव हो जाना बड़ी बात नहीं है, लेकिन गुस्सा नियंत्रित नहीं हो तो कई बार यह रिश्ता टूटने की वजह बन जाता है। 

रिलेशनशिप डेस्क। जब कोई इंसान गुस्से में होता है तो उसमें सोचने-समझने की क्षमता नहीं रह जाती। वह अपना आपा खो देता है। रिलेशनशिप में पार्टनर्स के बीच कभी लड़ाई या मनमुटाव हो जाना बड़ी बात नहीं है, लेकिन गुस्सा नियंत्रित नहीं हो तो कई बार यह रिश्ता टूटने की वजह बन जाता है। गुस्से में हम पार्टनर को ऐसी कड़वी बातें बोल देते हैं, जिनके बारे में पहले सोच तक नहीं सकते थे। गुस्से में लोग जानबूझ कर पार्टनर को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं और अनाप-शनाप बातें बोलते हैं। इसे बर्दाश्त कर पाना सबके लिए संभव नहीं होता और दिल पर जब चोट लगती है तो कोई न कोई पार्टनर रिश्ता तोड़ भी लेता है। वहीं, जब दूसरे का गुस्सा उतरता है तो उसे समझ में आ जाता है कि उसने कितना बड़ा नुकसान कर दिया। जो लोग संवेदनशील और समझदार होते हैं, वे अपने गलत व्यवहार पर पश्चाताप करते हैं और पार्टनर से माफी तक मांगते हैं, लेकिन कई बार इसका रिश्ता तोड़ने का निर्णय ले चुके पार्टनर पर असर नहीं पड़ता। जीवन में रिश्ते अनमोल होते हैं। उनका टूटना दुखद होता है। ऐसी स्थिति में खुद पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है। कई लोग ब्रेकअप के दर्द को नहीं झेल पाने के कारण नशे की आदत का शिकार हो जाते हैं, कुछ डिप्रेशन में चले जाते हैं तो कुछ लोग सुसाइड तक कर लेते हैं। जानें, ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।

1. रिश्ते हमेशा के लिए नहीं हो सकते
इस बात को समझ लें कि कोई रिश्ता जरूरी नहीं कि हमेशा के लिए हो। पारिवारिक रिश्तों में एक बंधन होता है। लाख लड़ाई हो, पारिवारिक रिश्ते टूटते नहीं, लेकिन प्यार का रिश्ता कुछ अलग ही होता है। इसे कभी भी टेकेन फॉर ग्रांटेड मान कर नहीं चलें। शादी के रिश्ते में भी तलाक होना एक सच्चाई है। फिर प्रेम का संबंध कभी भी, किसी भी वजह से टूट सकता है। इसलिए शांत बने रहने की कोशिश करें, नहीं तो जीवन के दूसरे क्षेत्र में परेशानी बढ़ सकती है।

2. पार्टनर के सामने सच्चाई रखें
कोई भी रिश्ता बराबरी के आधार पर बनता है। किसी को भी अपने पार्टनर के सामने सच्चाई रखने का अधिकार है। कई बार सच्चाई कड़वी होती है। जहां तक कैजुअल रिलेशनशिप की बात है, इसमें अक्सर लोग पार्टनर की कई बातों को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन जो लोग किसी रिलेशनशिप में सीरियस और डेडिकेटेड होते हैं, उन्हें पार्टनर के सामने सच्चाई रखने का हक होता है। इसलिए रिश्ते की नींव गहरी होगी तो पार्टनर कड़वी सच्चाई को पचा लेगा। ऐसा नहीं होता तो यह समझ लें कि रिश्ता महज किसी सुविधा के लिए था।

3. खुद को रखें शांत
कोई रिश्ता किसी मामूली वजह से नहीं टूट सकता। पार्टनर्स के बीच गुस्से और तनाव की बातें कई बार होती हैं, लेकिन संबंध बने रहते हैं। कुछ समय के बाद सब कुछ पहले जैसा हो जाता है। लेकिन अगर किसी बात से पार्टनर इतना ज्यादा गुस्से में आ जाए कि रिश्ता तोड़ दे तो जरूर इसके पीछे कोई गहरी बात होगी। इसलिए इस पर विचार करें और खुद को शांत रखें।

4. बार-बार पार्टनर को मनाएं नहीं
कुछ लोग पार्टनर के रिश्ता तोड़ लेने पर इतने दुखी हो जाते हैं कि उसे बार-बार मनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन उनकी ये सारी कोशिशें बेकार साबित हो जाती हैं, क्योंकि आज जमाना तकनीक का है। आप अगर किसी से सीधे तौर पर नहीं मिल सकते तो फोन, मैसेज, सोशल मीडिया या ईमेल के जरिए अपनी बात रख सकते हैं। लेकिन अगर गुस्से में पार्टनर ने इन पर आपको ब्लॉक कर दिया हो तो आप कुछ भी नहीं कर सकते। इसलिए अपना मन कहीं और लगाने की कोशिश करें, काम पर ध्यान दें और व्यस्त रहें।

5. जरूरी नहीं गलती आपकी हो
अगर पार्टनर लाख कोशिशों के बावजूद आपसे बात नहीं कर रहा हो, आपके मैसेज या मेल का जवाब नहीं दे रहा हो और आप पार्टनर को मनाने के चक्कर में बार-बार माफी मांग रहे हों तो एक बार जरूर यह सोचने की कोशिश करें कि क्या जब झगड़ा हुआ तो गलती आपकी ही थी। क्या आपके पार्टनर की कोई गलती नहीं थी? यह मत भूलें कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। अगर गुस्से में आपने पार्टनर को बुरा-भला कहा तो क्या उसका व्यवहार संयमित था? इसलिए सब कुछ भविष्य पर छोड़ दें और अपना आत्मसम्मान बनाए रखें। हो सकता है, बाद में पार्टनर को अपने अड़ियलपन का एहसास हो और आपके बीच संबंध फिर से ठीक हो जाएं।